राजस्थान में प्रतिदिन 50 हजार कट्टे नए जौ की आवक
Source : business.khaskhabar.com | Mar 20, 2024 | 

जयपुर (रामबाबू सिंघल) । राजस्थान की उत्पादक मंडियों में इन दिनों गेहूं के साथ-साथ नए जौ की आवक भी निरंतर बढ़ती जा रही है। वर्तमान में प्रदेश की मंडियों में करीब 50 हजार कट्टे (एक कट्टा-50 किलो) जौ प्रतिदिन उतर रहा है। जयपुर मंडी में मंगलवार को लूज जौ के भाव 1880 से 1950 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। राज्य की श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, खैरथल, चौमू, श्रीमाधोपुर, रामगंजमंडी, निम्बाहेड़ा, नदबई, भरतपुर, खेरली, महुआ एवं मंडावर आदि मंडियों में जौ की आवक होने के समाचार हैं। स्थानीय राजधानी मंडी कूकरखेड़ा स्थित फर्म अविशि ट्रेडिंग कंपनी के जितेन्द्र सर्राफ ने बताया कि होली के बाद मंडियों में जौ की आवक और बढ़ जाएगी। पिछले साल के मुकाबले वर्तमान में जौ की कीमतें करीब 200 रुपए प्रति क्विंटल कम हैं। फिलहाल माल्ट कंपनियों में जौ की लिवाली नहीं आई है। सर्राफ ने कहा कि माल्ट कारखानों की डिमांड शुरू होते ही जौ के भावों में एक बार मजबूती बन सकती है। हरियाणा में सबसे ज्यादा माल्ट और बीयर की फैक्ट्रियां हैं। पशु आहार, आटा, गुली और ओट्स आदि में भी जौ की अच्छी खपत होती है।
यूक्रेन में माल्टिंग जौ की निर्यात मांग घटीयूरोप में वर्ष 2024 की फसल के लिए आशावादी संभावनाओं का अनुमान लगाया गया है। जिसमें सर्दियों का तापमान सामान्य स्तर से अधिक होगा। हालांकि भारी बारिश के कारण बसंत रितु में जौ की बिजाई में देरी हो सकती है। यूक्रेन में माल्ट और माल्टिंग जौ की निर्यात मांग में कमी के चलते कीमतें कम जरूर हुई हैं। भोजन के अलावा जानवरों के लिए हरे चारे और दाने के अलावा मुर्गी पालन में भी जौ के दानों को उपयोग किया जाता है। कई चीजों में उपयोग होने के कारण जौ की डिमांड बाजार में बनी रहती है। भारत के ज्यादातर राज्यों में जौ की खेती की जाती है। जिसमें से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा जौ का उत्पादन किया जाता है। भारत में जौ के उत्पादन का 42 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही उत्पादित किया जाता है।
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