ACME ग्रुप का लक्ष्य: 2030 तक सोलर मैन्युफैक्चरिंग से 10,000 करोड़ कमाना, राजस्थान में 230 करोड़ का प्लांट लगाएगा
Source : business.khaskhabar.com | Apr 09, 2025 | 
जयपुर। एसीएमई ग्रुप ने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए 2030 तक अपने सोलर मॉड्यूल और सोलर सेल निर्माण व्यवसाय से 10,000 करोड़ रुपये की आय अर्जित करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में कंपनी ने राजस्थान के जयपुर में 230 करोड़ रुपये के निवेश से 1.2 गीगावॉट क्षमता वाली एक अत्याधुनिक सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित की है, जिसमें 700 से अधिक लोग कार्यरत हैं।
कंपनी ने 'एसीएमई रिन्यूएबल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग' नामक एक नई व्यावसायिक इकाई बनाई है, जिसके तहत सोलर मॉड्यूल और सोलर सेल निर्माण डिवीजन शामिल होंगे। भविष्य में कंपनी सेल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित कर अपनी उत्पादन क्षमता को और बढ़ाने की योजना बना रही है।
एसीएमई ग्रुप को एमएनआरई (नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय) की अप्रूव्ड लिस्ट ऑफ मॉडल्स एंड मैन्युफैक्चरर्स (एएलएमएम) में शामिल किया गया है। यह मान्यता कंपनी की विश्वसनीयता को बढ़ाती है और उसे सरकारी योजनाओं व निजी परियोजनाओं के लिए सोलर मॉड्यूल की आपूर्ति करने में सक्षम बनाती है। एएलएमएम में शामिल होने से एसीएमई सरकारी टेंडर, रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन, पीएम-कुसुम योजना और निर्यात के अवसरों में भी भाग ले सकेगी।
एसीएमई ग्रुप के चेयरमैन मनोज के उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि रिन्यूएबल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में प्रवेश 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है और यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में सक्रिय योगदान देने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने गुणवत्ता, नवाचार और स्थिरता के प्रति अपने समर्पण को दोहराते हुए कहा कि एएलएमएम में शामिल होना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका लक्ष्य आयात पर निर्भरता कम करके भारत को स्वच्छ ऊर्जा उपकरणों का वैश्विक केंद्र बनाना है।
जयपुर स्थित यह आधुनिक निर्माण इकाई एसीएमई ग्रुप को सप्लाई चेन पर बेहतर नियंत्रण प्रदान करेगी और नवीकरणीय ऊर्जा की लागत को कम करने में सहायक होगी। यह प्लांट उच्च दक्षता वाले टॉपकॉन तकनीक से लैस सोलर मॉड्यूल का उत्पादन करेगा, जो विभिन्न प्रकार की सौर परियोजनाओं के लिए उपयुक्त होंगे। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, भारत की सोलर मॉड्यूल निर्माण क्षमता 2030 तक 125 गीगावॉट तक पहुंच सकती है, जिससे एसीएमई ग्रुप इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।
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