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शेयर बाजार : आरबीआई नीति समीक्षा पर रहेगी नजर

Source : business.khaskhabar.com | Aug 02, 2015 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 Stock Market: RBI policy review will look atमुंबई। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की निगाह प्रथम तिमाही में कंपनियों के परिणामों और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा पर टिकी रहेगी। अगले सप्ताह निवेशकों की नजर संसद के मानसून सत्र के घटनाक्रमों, मानसून की प्रगति, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंक़डों, वैश्विक बाजारों के रूझान, डॉलर के मुकाबले रूपये की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक चार अगस्त को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। रिजर्व बैंक की रेपो दर अभी 7.25 फीसदी है। मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून) के कारोबारी परिणाम जारी करने का दौर जारी है। अगस्त के दूसरे सप्ताह तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियों के परिणाम आते रहेंगे।

इस दौरान निवेशक परिणाम के साथ कंपनी प्रबंधन द्वारा की जाने वाली आगामी तिमाहियों की आय की भविष्यवाणी में निवेश के अवसर ढूढेंगे। सोमवार को मोंसैंटो इंडिया, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, मंगलवार को टीवी टुडे नेटवर्क और हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, बुधवार को दीपक फर्टिलाइजर्स एंड पेट्रोकेमिकल्स कारपोरेशन और एनडीटीवी, शुक्रवार को भेल, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां अपने परिणाम जारी करेंगी। आगामी सप्ताह वाहन कंपनियों के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। ये कंपनियां एक अगस्त से जुलाई महीने में हुई बिक्री के आंक़डे जारी करना शुरू करेंगी।

तेल विपणन कंपनियां यदि तेल में कोई संशोधन करती हैं, तो उसका असर सोमवार को इन कंपनियों के शेयरों पर दिखाई प़डेगा। तेल विपणन कंपनियां हर महीने के मध्य और आखिर में गत दो सप्ताह के अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के आधार पर घरेलू रिटेल मूल्यों में संशोधन करती हैं। राजनीतिक मोर्चे पर संसद के मानसून सत्र की गतिविधियों पर निवेशकों की नजर रहेगी।

गत सप्ताह शुरू हुआ मानसून सत्र 13 अगस्त, 2015 तक चलेगा। आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर के दौरान मानसूनी बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है। मानसूनी बारिश की स्थिति पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती करने या न करने की संभावना निर्भर करती है।