"विलंब के दुष्परिणामों पर ध्यान नहीं दे रहा कैग"
Source : business.khaskhabar.com | Nov 24, 2014 |
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन के केजीडी-6 गैस फील्ड के विकास के लिए कंपनी द्वारा किए गए कुछ भुगतानों के संबंध में कैग की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई है और कहा है कि सरकारी आडिट एजेंसी ने इस परियोजना के लिए वस्तुओं व सेवाओं की खरीद में विलंब के चलते अनुबंध की शतोंü के तहत पडने वाले प्रभाव पर गौर नहीं किया है। आरआईएल ने कैग के साथ आखिरी बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) आठ साल पहले की गई खरीद के संबंध में परियोजना की दक्षता के संबंध में सवाल उठा रहे हैं जोकि घटना के बाद की सोच के इस्तेमाल के समान है।
कैग ने यह बैठक केजीडी-6 परियोजना की 2008-09 से 2011-12 की अवधि के दूसरे अंकेक्षण के अंत में बुलाई थी। कंपनी ने कहा कि उत्पादन में हिस्सेदारी के अनुबंध (पीएससी) में शर्त है कि वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति समय से की जाएगी जिसमें वस्तुओं की खरीद में विलंब के पूरी परियोजना पर पडने वाले प्रभाव को ध्यान में रखा जाएगा। इस पीएससी में खरीद की प्रक्रिया को सरकारी-सार्वजनिक कंपनियों की खरीदारी की प्रक्रिया से भिन्न रखने की मंशा थी ताकि परियोजना के हित में निर्णय जल्दी लिया ज सके और निवेश को अधिक कारगर बनाया जा सके।