आरबीआई गवर्नर राजन ने चेताया- आ रही है वैश्विक मंदी
Source : business.khaskhabar.com | Jun 26, 2015 |
लंदन। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में गुरूवार को एक सम्मेलन में अपने भाजपा में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर रघुराम राजन कहा कि पूरी दुनिया के बैंकों के गवर्नरों को बेहतर समाधान ढूंढने के लिए नए नियम को खोजने की जरूरत है। इसी के साथ उन्होंनेचेताया कि केंद्रीय बैंक की पहलों के लिहाज से क्या सही है और क्या नहीं, इस संबंध में वैश्विक नियमों पर बहस शुरू करने का समय आ गया है।
राजन ने दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों को साफ चेतावनी दी कि जल्द ही नए नियमों को परिभाषित करें, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर बहुत बडा खतरा मंडरा रहा है। राजन ने आगाह किया कि मौद्रिक नीतियों को अगर और उदार बनाया जाने लगा तो पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था खतरे में पड सकती है। आने वाले समय में इस पर अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाने की जरूरत होगी, पर अगर ऎसे ही चलता रहा तो पूरी दुनिया 1929-30 के "ग्रेट डिप्रेशन" जैसी विभीषक मंदी को दोबारा झेलने को तैयार रहे।
भारत खतरे से बहार...
राजन ने कहा कि भारत में हालात अलग हैं। भारत अभी अपने विकास के पहले दौर में है। अभी वहां आरबीआई को निवेश प्रोत्साहित करने के लिए नीतिगत दरों में कटौती करनी है, पर विकसित देशों के लिए खतरा बना हुआ है। इससे पहले 2008-09 में जिस वैश्विक मंदी से दुनिया को दो-चार होना पडा था, उसको लेकर राजन ने सालों पहले ही घोषणा कर दी थी। तब राजन को चौतरफा आलोचना का सामना करना पडा था। अमेरिकन फेडरेल बैंक के चीफ ने राजन को पिछडी सोच का आदमी बताया था और कहा था कि दुनिया ऎतिहासिक दौर से गुजर रही है, पर उसके बाद में राजन की भविष्यवाणी सही साबित हुई। ऎसे में राजन की इस चिंता को हल्के में लेना नादानी ही होगी।