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बैंक एक कर्ज के बार-बार पुनर्गठन से बचे : यशवंत सिन्हा

Source : business.khaskhabar.com | Jun 06, 2015 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 Banks should desist from evergreening of loans: Yashwant Sinhaनई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बैंकों को आगाह करते हुए कहा कि वे एक ही कर्ज के बार-बार पुनर्गठन से बचें क्योंकि यह वित्तीय क्षेत्र की सेहत के लिए ठीक नहीं है। कर्ज के पुनर्गठन से मतलब कंपनियों को पुराने कर्ज के भुगतान के लिए नया कर्ज देने से है। उद्योग मंडल एसोचैम के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "अगर आप (बैंक) यह सोचते हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है तो कर्ज का पुनर्गठन (निश्चित ऋण पोर्टफोलियो) कीजिए लेकिन भगवान के लिए इसे आदत मत बनाइए।" भाजपा नेता ने कहा कि वास्तविक एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) तब होता है जब अर्थव्यवस्था अच्छी नहीं कर रही होती। अगर अर्थव्यवस्था वांछित गति से वृद्धि कर रही है तो एनपीए स्वत: घटेगा। उन्होंने कहा, "बैंक लगातार पुनर्गठन कर रहे हैं। यह एनपीए से निपटने का तरीका नहीं है।" उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भी कहा था कि फंसे कर्ज के भुगतान के लिए नया कर्ज देने से भविष्य में समस्या पैदा हो सकती है। सिन्हा ने आगे कहा, "अगर लाखों करोड रूपए की परियोजना अटकी पडी है और बैंकों ने इन परियोजनाओं के लिए कर्ज दे रखा है तो उनका एनपीए में बदलना तय है।"