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 96 प्रतिशत भारतीय मिड-मार्केट फर्म जनरेटिव एआई को दे रही प्राथमिकता

Source : business.khaskhabar.com | Sep 13, 2024 | businesskhaskhabar.com Gadget News Rss Feeds
 96 percent of indian mid market firms are giving priority to generative ai 669307नई दिल्ली । मिड-मार्केट सेगमेंट की करीब 96 प्रतिशत भारतीय कंपनियां (250 से 1,500 कर्मचारी) जनरेटिव एआई को प्राथमिकता दे रही हैं, जबकि बाकी दुनिया में यह आंकड़ा 91 प्रतिशत है। एक रिपोर्ट में शुक्रवार को यह जानकारी सामने आई।  

2024 में भारतीय मिड-मार्केट कंपनियों द्वारा जनरेटिव एआई को अपनाने की वजह संस्था को साइबर खतरों के खिलाफ तैयार होना और बिजनेस के संचालन को अधिक पर्यावरण अनुकूल बनाना है।

एसएपी इंडिया की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में संस्थाएं अपने बिजनेस में बदलाव लाने के लिए दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले अधिक प्राथमिकता दे रही हैं।

भारत उपमहाद्वीप में एसएपी के मैनेजिंग डायरेक्टर और अध्यक्ष मनीष प्रसाद ने कहा कि भारत का मिड मार्केट बिजनेस देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

उन्होंने आगे कहा, "एआई इन कंपनियों के लिए गेम-चेंजर होने वाला है। इससे इन कंपनियों को काम करने के लिए इनसाइट्स और डिजिटल अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ने में मदद करेगा।"

सर्वे में भाग लेने वाली मिड-मार्केट कंपनियों में 67 प्रतिशत ने एआई को प्राथमिकता देने की वजह साइबर हमले, 65 प्रतिशत ने ऑपरेशन को पर्यावरण टिकाऊ योग्य बनाना, 55 प्रतिशत ने प्राइवेसी और सिक्योरिटी, 52 प्रतिशत ने निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाना माना है।

एसएपी भारतीय उपमहाद्वीप के मिड मार्केट प्रमुख और उपाध्यक्ष राजीव सिंह ने कहा कि एआई के पास किसी संस्था को इंटेलिजेंस इनसाइट्स, ऑटोमेशन देने की क्षमता है, जिससे वह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि डेटा एआई में सबसे बड़ा रिस्क है, क्योंकि एआई के नतीजों में पारदर्शिता नहीं है। ऐसे में एआई से मिली गलत जानकारी पर काम करना संस्थाओं के लिए अन्य बड़े रिस्क में से एक है।

आईएएनएस

 

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