हिंदुस्तान जिंक के सखी उत्सव में उमड़ा महिला शक्ति का सैलाब, 7,000 से अधिक महिलाओं ने लिया सशक्तिकरण का संकल्प
Source : business.khaskhabar.com | Apr 19, 2025 | 
उदयपुर। विश्व की अग्रणी एकीकृत जस्ता उत्पादक हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की अपनी महत्वाकांक्षी पहल 'सखी' के तत्वावधान में राजस्थान और उत्तराखंड के कार्यक्षेत्रों में सखी उत्सव 2025 का भव्य आयोजन किया। इस पहल ने अब तक राज्य की 25 हजार से अधिक महिलाओं के जीवन को रोजगार और क्रेडिट लिंकेज के माध्यम से नई ऊंचाइयां दी हैं।
यह विशाल उत्सव उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद (राजस्थान) और रुद्रपुर (उत्तराखंड) जिलों में आयोजित किया गया, जिसमें 7,000 से अधिक महिलाओं, स्थानीय समुदाय के सदस्यों, अधिकारियों और स्कूली छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस दौरान विभिन्न ज्ञानवर्धक प्रदर्शनियां, जागरूकता अभियान और रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।
उत्सव का भव्य समापन उदयपुर के जिंक सिटी में सखी महोत्सव 2025 के रूप में हुआ। इस अनूठे मंच पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के दर्शक एक साथ आए, जहां सशक्त महिलाओं के नजरिए से राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया गया। महोत्सव में लाइव कौशल प्रदर्शन, प्रेरणादायक कहानी कहने के सत्र, वित्तीय साक्षरता कार्यशालाएं और युवा नेतृत्व द्वारा चलाए गए जागरूकता कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहे। स्थानीय हस्तशिल्प, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, सामुदायिक मेलों और पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन सखी महिलाओं की उद्यमशीलता और रचनात्मकता का प्रतीक था, जो जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव ला रही हैं।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, "सखी महिलाएं न केवल अपने समुदायों में आगे बढ़ रही हैं, बल्कि वे ग्रामीण भारत को एक नया आकार देने वाली परिवर्तनकारी शक्ति हैं। उनकी दृढ़ता, उद्यमशीलता और सामाजिक प्रतिबद्धता हमारे समावेशी विकास के दृष्टिकोण की नींव हैं। सखी उत्सव इस बात का जीवंत प्रमाण है कि महिलाएं एकजुट होकर सामूहिक प्रगति का नेतृत्व कर सकती हैं।
हिंदुस्तान जिंक का यह दृढ़ विश्वास है कि सशक्त महिलाएं ही आत्मनिर्भर और सशक्त समुदायों की आधारशिला होती हैं, और सखी उत्सव हमारी स्थिर और दीर्घकालिक विकास के प्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है।"
सभी आयोजन स्थलों पर सखी उत्सव में महिलाओं ने रस्सा कस्सी और म्यूजिकल चेयर जैसी मनोरंजक खेल प्रतियोगिताओं में पूरे जोश और सहयोग की भावना के साथ भाग लिया। सखी सदस्यों द्वारा प्रस्तुत शक्तिशाली नुक्कड़ नाटकों ने लिंग समानता और सामाजिक रूढ़ियों जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावी ढंग से प्रकाश डाला।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियां राजस्थान और उत्तराखंड की समृद्ध लोक परंपराओं से ओतप्रोत थीं, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कौशल प्रदर्शन में स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए उत्कृष्ट हस्तनिर्मित वस्त्र, मसाले, अचार और अन्य उत्पादों को प्रदर्शित किया गया, जो उनकी उद्यमशीलता की भावना को दर्शाते हैं। सरकार की विभिन्न योजनाओं, स्वयं सहायता समूहों के बारे में जागरूकता और सामान्य ज्ञान पर आयोजित इंटरैक्टिव क्विज प्रतियोगिताओं ने महिलाओं के ज्ञानवर्धन और आत्मविश्वास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
सखी पहल के माध्यम से स्थापित 2,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों का एक मजबूत नेटवर्क महिलाओं को सदियों से चली आ रही रूढ़िवादी सोच को तोड़ने और अपने समुदायों में सामाजिक और आर्थिक प्रगति लाने के लिए सशक्त रूप से प्रेरित कर रहा है।
सखी ने न केवल आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि यह एक ऐसे आंदोलन के रूप में उभरा है जो आत्मनिर्भरता और सामाजिक परिवर्तन की एक नई कहानी लिख रहा है।
महिलाएं अपनी अद्वितीय ताकत और अटूट संकल्प के साथ प्रगति की वास्तुकार बन रही हैं, हर बाधा को पार कर रही हैं और पूरे समुदायों को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं।
महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ-साथ, हिंदुस्तान जिंक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सतत आजीविका के अवसर, बेहतर स्वास्थ्य देखभाल, कला और संस्कृति का संरक्षण, जल संरक्षण और स्वच्छता को बढ़ावा देने और फुटबॉल के क्षेत्र में स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
कंपनी के इन प्रयासों ने 4,000 से अधिक गांवों में 20 लाख से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। भारत की शीर्ष 10 सीएसआर कंपनियों में अपनी पहचान बनाने वाली हिंदुस्तान जिंक की पहलें समावेशिता, नवाचार और पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ एक मजबूत और आत्मनिर्भर राजस्थान के निर्माण के प्रति कंपनी की अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।
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