विप्रो का UIDAI से अनुचित लाभ पाने से इंकार
Source : business.khaskhabar.com | Aug 04, 2016 | 

बेंगलुरू। सॉफ्टवेयर क्षेत्र की प्रमुख वैश्विक कंपनी विप्रो लिमिटेड ने भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की उस रपट से बुधवार को असहमति जताई है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) से अनुचित लाभ प्राप्त किया।
कंपनी ने एक बयान में कहा है, ‘‘हम कैग की रपट से असहमति जताते हैं, जिसमें कहा गया है कि यूआईडीएआई ने हमें अनुचित लाभ पहुंचाया। हम इस तथ्य की ओर ध्यान दिलाना चाहते हैं कि वस्तुओं की स्वीकृति यूआईडीएआई के सक्षम प्राधिकार द्वारा उपकरणों के चालू हो जाने के बाद दी गई थी।’’
कंपनी ने कहा कि उसने कॉरपोरेट गवर्नेंस और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। बयान में कहा गया है कि यूआईडीएआई ने वारंटी अवधि की समाप्ति के बाद ही सालाना रखरखाव के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।
संसद के पटल पर सोमवार को रखी गई रपट में वैधानिक लेखा परीक्षक ने कहा है कि यूआईडीएआई ने इस अनुबंध के माध्यम से विप्रो को 4.92 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाया।
कैग की रपट में कहा गया है, ‘‘भारतीय विशिष्ट पहचान संख्या प्राधिकरण ने अनुबंध के प्रावधानों के खिलाफ काम करते हुए संबंधित कंपनी मैसर्स विप्रो लिमिटेड को अनुचित लाभ पहुंचाया, यही नहीं उपकरणों एवं सामान के सालाना देखभाल एवं रखरखाव पर 4.92 करोड़ रुपये का खर्च किया, जिसे बचाया जा सकता था। क्योंकि जिस अवधि के लिए यह ठेका दिया गया, वह अवधि निशुल्क रखरखाव वारंटी के तहत पहले से ही कवर थी।’’
रपट में कहा गया है, ‘‘यूआईडीएआई ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय की विज्ञापन नीति के मुताबिक विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय के माध्यम से विज्ञापन नहीं देकर 1.41 करोड़ रुपये का नुकसान उठाया, क्योंकि इसके बाद उसे जो रियायत मिलनी चाहिए थी नहीं मिली।’’
(आईएएनएस)