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मंडियों में आवक घटने से गेहूं 50 रुपए प्रति क्विंटल महंगा

Source : business.khaskhabar.com | Aug 07, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 wheat became costlier by rs 50 per quintal due to decrease in arrival in the markets 659852-:2670 रुपए प्रति क्विंटल बिका, मैदा व सूजी में भी उछाल

जयपुर (रामबाबू सिंघल)
। राज्य की मंडियों में आवक घटने से स्थानीय थोक बाजारों में गेहूं की कीमतें एक बार फिर उछलने लगी हैं। दो-तीन दिन के अंतराल में मिल डिलीवरी दड़ा गेहूं 50 रुपए महंगा हो गया है। इसके नैट भाव यहां बुधवार को 2670 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए। गेहूं के समर्थन में मैदा एवं सूजी में भी तेजी का दौर शुरू हो गया है। निरंतर बारिश होने तथा एफसीआई द्वारा टेंडर नहीं खोले जाने के कारण भी गेहूं में मजबूती का रुख देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि स्थिति ऐसी ही रही तो गेहूं के दाम और बढ़ सकते हैं। दक्षिण भारत में गेहूं पहले से ही महंगा बेचा जा रहा है। इस साल सरकार ने गेहूं की एमएसपी 2275 रुपए प्रति क्विंटल घोषित की हुई है। जहां तक राजस्थान की बात है, तो यहां पर राज्य सरकार ने इस एमएसपी पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दिया है। यानी यहां के सरकारी खरीद केन्द्रों पर गेहूं बेचने पर किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल के दाम मिले हैं। मित्तल दलिया के निर्माता मुकुल मित्तल ने बताया कि इस साल गेहूं का रिकार्ड उत्पादन 1129.25 लाख टन होने का अनुमान सरकार ने जताया था। यह पिछले साल के उत्पादन से 23.71 लाख टन ज्यादा है। मित्तल ने कहा कि रिकार्ड उत्पादन के दावों के बावजूद सरकार अपने लक्ष्य जितना गेहूं नहीं खरीद पाई है। इससे बाजार दबाव में है तथा कीमतें बढ़ती जा रही हैं। सरकार ने इस साल 372.9 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा था, लेकिन पूरी खरीद मात्र 266 लाख टन पर ही सिमट गई। केन्द्र सरकार की मंशा है कि गेहूं के दाम काबू में रहें। लिहाजा दो साल से निर्यात पर बैन है।

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