विधि सेंटर ने लॉन्च किया पहला व्यापक आपराधिक कानून डेटाबेस स्टेट ऑफ द सिस्टम
Source : business.khaskhabar.com | Apr 26, 2025 | 
मुंबई। विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी ने नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में भारत का पहला विस्तृत आपराधिक कानून डेटाबेस - 'द स्टेट ऑफ द सिस्टम' (एस.ओ.एस.) लॉन्च किया है।
'अनविलिंग द स्टेट ऑफ द सिस्टम' नामक इस कार्यक्रम में कानून जगत के प्रतिष्ठित विशेषज्ञ, नीति निर्माता और विद्वान शामिल हुए, जिन्होंने भारत के कानूनों में अपराधों की संख्या कम करने और सजाओं को तर्कसंगत बनाने की तत्काल आवश्यकता पर महत्वपूर्ण चर्चा की।
यह रिपोर्ट पिछले 174 वर्षों में बने 370 केंद्रीय कानूनों के तहत दर्ज हर अपराध और चूक का संकलन है, जो 45 विभिन्न विषयों को कवर करता है। अपनी तरह का यह पहला सार्वजनिक डेटाबेस है, जिसका उद्देश्य आम नागरिकों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं को देश में अपराध घोषित करने की प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना है। यह रिपोर्ट सजाओं के निर्धारण में मौजूद विसंगतियों को उजागर करती है और भविष्य में अपराधों को कम करने तथा कानून बनाने के लिए एक सटीक और नीतिगत ढांचा प्रस्तुत करती है।
रिपोर्ट की जानकारी देते हुए विधि में क्राइम एंड पनिशमेंट सेक्शन के प्रमुख, नवीद महमूद अहमद ने कहा, "आपराधिक कानून का उद्देश्य सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है, लेकिन आज भारत के सामाजिक और प्रशासनिक ढांचे तक इसकी पहुंच बढ़ गई है। यह रिपोर्ट और डेटाबेस यह समझने का प्रयास करते हैं कि हम शासन के उपकरण के रूप में आपराधिक कानून पर किस हद तक निर्भर हैं। यह छोटे-मोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर निकालने और सजाओं को तर्कसंगत रूप से तय करने की आवश्यकता को उजागर करता है।"
कार्यक्रम में एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य डॉ. शमिका रवि और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के चेयरपर्सन जस्टिस वी. रामसुब्रमण्यम ने भाग लिया। पैनलिस्टों ने इस बात पर विचार किया कि अधिक अपराधों को अपराध की श्रेणी में डालने का नागरिकों के दैनिक जीवन, व्यापार जगत पर अनुपालन के बोझ और सरकार के संसाधनों के उपयोग पर किस प्रकार प्रभाव पड़ता है।
केंद्र सरकार द्वारा जन विश्वास बिल 2.0 पेश करने की तैयारी और कई राज्य सरकारों द्वारा अपने कानूनों की समीक्षा करके अपराधमुक्ति और सजाओं के तार्किककरण के प्रावधानों की पहचान करने की प्रक्रिया शुरू करने के परिदृश्य में, एस.ओ.एस. डेटाबेस का लॉन्च इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
एक जीवंत संसाधन के रूप में, इससे चल रहे अपराधमुक्ति प्रयासों और अन्य नीतिगत हस्तक्षेपों को सूचित करने की उम्मीद है, ताकि अपराध कानून के दायरे को सीमित किया जा सके और विश्वास आधारित शासन की ओर बढ़ा जा सके। इस पहल के माध्यम से, विधि का उद्देश्य महत्वपूर्ण हितधारकों के साथ संवाद को सक्षम बनाना और एक ऐसी कानूनी रूपरेखा बनाने में योगदान करना है जो समान और प्रभावी हो।
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