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रिकॉर्ड उत्पादन और कम लागत के दम पर वेदांता का मुनाफा 13% बढ़कर हुआ ₹5,000 करोड़


Source : business.khaskhabar.com | Aug 01, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 vedanta profit rises to ₹5000 crore on record production and lower costs 741158

- अब तक का सर्वाधिक पहली तिमाही EBITDA, जो ₹ 10,746 करोड़ रहा

- 13 तिमाही में उच्चतम EBITDA मार्जिन, जो साल-दर-साल 35% रहा, जिसमें 81 BPS (basis point) का सुधार हुआ।

 

नई दिल्ली। प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (प्री-वन-ऑफ्स) साल-दर-साल 13% बढ़कर ₹5,000 करोड़; रिपोर्टेड कर-पश्चात लाभ(पीएटी) ₹4,457 करोड़ रहा

क्रिसिल और इक्रा द्वारा क्रेडिट रेटिंग को AA पर पुनः पुष्टि की गई

नियोजित पूंजी पर प्रतिफल 25% रहा, जो साल-दर-साल 81 BPS से बेहतर रहा

नकदी और नकद समतुल्य ₹ 22,137 करोड़ के साथ तरलता में तिमाही-दर-तिमाही 7% और 33% साल-दर-साल सुधार हुआ

950 मेगावाट व्यापारिक विद्युत क्षमता चालू की गई, जिससे कुल व्यापारिक विद्युत उत्पादन क्षमता 3.83 गीगावाट हो गई

₹7 प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश दिया गया

एल्युमिना उत्पादन साल-दर-साल 9% बढ़ा, जिंक इंटरनेशनल उत्पादन साल-दर-साल 50% बढ़ा, जिंक इंडिया ने पहली तिमाही में अब तक का सबसे अधिक खनन धातु उत्पादन दर्ज किया, फेरोक्रोम अयस्क उत्पादन साल-दर-साल 35% बढ़ा और कॉपर कैथोड उत्पादन साल-दर-साल 119% बढ़ा

 

वेदांता लिमिटेड (बीएसई: 500295 और एनएसई: वीईडीएल) ने आज 30 जून 2025 को समाप्त पहली तिमाही के लिए अपने अनऑडिटेड कंसोलिडेटेड रिज़ल्ट्स की घोषणा की। वेदांता ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन किया, जहां शुद्ध लाभ* (adjusted PAT) साल-दर-साल (YoY) 13% बढ़कर ₹5,000 करोड़ रहा। 

 

कंपनी ने ₹ 10,746 करोड़ का अब तक का सर्वोच्च पहली तिमाही का EBITDA दर्ज किया, जो वार्षिक आधार पर 5% की वृद्धि दर्शाता है । वेदांता का EBITDA मार्जिन** 81 BPS  बढ़कर सालाना आधार पर 35% हो गया, जो पिछली 13 तिमाहियों में सबसे अधिक है। Q1 के लिए कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू  सालाना आधार पर 6% बढ़कर ₹ 37,434 करोड़ रहा। 

 

वेदांता की लिक्विडिटी तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) 7% और साल-दर-साल (YoY) 33% बेहतर हुई, कैश और कैश इक्विवेलेंट ₹22,137 करोड़ पर पहुंच गया। कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) YoY आधार पर 87 BPS बढ़कर 25% हो गया। वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को CRISIL और ICRA दोनों ने AA स्तर पर पुनः पुष्टि (Reaffirm) किया है।

कंपनी ने 587 किलोटन पर रिकॉर्ड तिमाही एल्यूमिना उत्पादन दर्ज किया, जो 9% की वृद्धि दर्शाता है | पिछले 16 तिमाहियों में सबसे कम हॉट मेटल लागत (एल्यूमिना को छोड़कर) 888 डॉलर/टन रही; कुल एल्यूमिना उत्पादन लागत तिमाही दर तिमाही 12% कम रही। भारत में वेदांता के जिंक परिचालन ने पहली तिमाही में अब तक का सर्वाधिक खनन धातु उत्पादन 265 किलोटन और पहली तिमाही में अब तक का सबसे कम जिंक उत्पादन लागत US$1,010/टन हासिल किया। कंपनी के अंतरराष्ट्रीय जिंक परिचालन में खनन धातु उत्पादन में 50% सालाना वृद्धि देखी गई। कंपनी ने 950 मेगावाट की मर्चेंट पावर क्षमता शुरू की, जिसमें एथेना पावर प्लांट (यूनिट 1 - 600 मेगावाट) जुलाई 2025 में चालू हुआ और मीनाक्षी पावर प्लांट यूनिट 3 (350 मेगावाट) को जुलाई 2025 में सीओडी प्राप्त हुआ।

 

*PAT Adjusted for key one-offs: Cairn OALP Exploration cost written off (net of tax) in 1QFY26 and 4QFY25 respectively and DTA of unutilized tax losses at ASI in 1QFY25

**EBITDA margin (ex-copper)

 

Q1FY26 के नतीजों पर वेदांता के चेयरमैन श्री अनिल अग्रवाल ने कहा, "हमारे Q1 के प्रदर्शन ने आने वाले वर्ष के लिए एक मजबूत नींव रखी है। वैश्विक बाजार की अस्थिरता के बीच, हमने अब तक का सबसे उच्चतम पहला तिमाही एबिट्डा (EBITDA) दर्ज किया। संचालन के लिहाज़ से, हमने पिछले 16 तिमाहियों में सबसे कम हॉट मेटल लागत (एल्युमिना को छोड़कर) हासिल की, अब तक की  सबसे कम Q1 ज़िंक इंडिया कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन (CoP) हासिल की, गम्सबर्ग में 74% साल-दर-साल (YoY) उत्पादन वृद्धि, पावर सेल्स में 33% तिमाही-दर-तिमाही (QoQ) उछाल, और फेरो क्रोम वॉल्यूम में 150% QoQ वृद्धि हासिल की। लांजीगढ़ रिफाइनरी का 587 किलोटन (kt) तक रैम्प-अप होना इस ओर संकेत करता है कि हम FY26 में 3 मिलियन टन (MnT) से अधिक एल्युमिना उत्पादन के लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ रहे हैं। आगे देखते हुए, Q2 में लांजीगढ़ में ट्रेन-II का कमीशनिंग, बालको में 435 kt स्मेल्टर क्षमता और 1,300 मेगावाट (MW) की नई थर्मल पावर क्षमता का परिचालन शुरू होना, हमें पूरे वित्त वर्ष की गाईडंस को हासिल करने में सक्षम बनाएगा। H2 में हमारे सिजीमाली बॉक्साइट खदान और कुरालोई कोल माइन का संचालन शुरू होने से हमारे प्रदर्शन में रिकॉर्ड स्तर की वृद्धि की उम्मीद है।”

वेदांता के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO)  अजय गोयल ने कहा,“इस तिमाही में हमने ₹10,746 करोड़ का अब तक का सबसे उच्चतम पहला तिमाही एबिट्डा (EBITDA) हासिल किया, जो 5% साल-दर-साल (YoY) वृद्धि को दर्शाता है। एबिट्डा मार्जिन (EBITDA Margin) 81 BPS बढ़कर 35% हो गया, जो पिछले 13 तिमाहियों में सबसे अधिक है। हमारा समायोजित शुद्ध लाभ (Adjusted PAT) ~₹5,000 करोड़ तक पहुंचा, जो 13% YoY वृद्धि है। यह मजबूत प्रदर्शन, साथ ही HZL हिस्सेदारी बिक्री जैसे कॉर्पोरेट उपक्रम—जिससे ₹3,028 करोड़ नकद प्राप्त हुआ—ने वेदांता को नेट डेट-टू-एबिट्डा (Net Debt to EBITDA) अनुपात 1.3x पर लाने में मदद की। ₹5,000 करोड़ के NCD (नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर) इश्यू और अन्य रिफाइनेंसिंग के चलते, हमारे ऋण की लागत (Cost of Debt) में लगभग 130bps की YoY गिरावट आई है, और यह अब 9.2% है। हाल ही में क्रिसिल (Crisil) और ICRA द्वारा हमारे क्रेडिट रेटिंग की AA स्तर पर पुनः पुष्टि की गई है, जो वेदांता की वित्तीय मज़बूती और हमारे विकास पथ में बाज़ार के विश्वास को दर्शाता है।”

वित्त वर्ष 25 के मुख्य ईएसजी बिंदु 

ईएसजी नेतृत्व: वेदांता समूह ने एसएंडपी ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक 2025 में शानदार प्रदर्शन किया है। हिंदुस्तान जिंक को ईएसजी प्रदर्शन के लिए वैश्विक स्तर पर शीर्ष 1% में स्थान मिला है, और वेदांता लिमिटेड और वेदांता एल्युमीनियम को सस्टेनेबिलिटी ईयरबुक सदस्यों के रूप में मान्यता मिली है, जो समूह की ज़िम्मेदार और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

नवीकरणीय ऊर्जा (आरई): 1906 मेगावाट स्थापित क्षमता के नवीकरणीय ऊर्जा वितरण समझौते (पीडीए) लागू हैं। कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 25 में नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 0.84 बिलियन यूनिट रहा।

जेंडर डाइवर्सिटी : वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 22% रही, जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही की तुलना में 20% अधिक है।

अपशिष्ट उपयोग: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में एचवीएलटी अपशिष्ट उपयोग 72% रहा।

जल पुनर्चक्रण: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 48%।

वृक्षारोपण: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 5 लाख से ज़्यादा पेड़ लगाए गए, जिससे कुल पेड़ों की संख्या 35 लाख हो गई। अब हम वित्त वर्ष 2030 के 70 लाख पेड़ों के अपने लक्ष्य के 50% करीब पहुँच चुके हैं।

महिला एवं बाल कल्याण: वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक, महिला एवं बाल कल्याण के लिए 8,600 से ज़्यादा नंदघर बनाए गए, 3.4 लाख से ज़्यादा बच्चे प्रभावित हुए, 2.5 लाख से ज़्यादा महिलाएँ लाभान्वित हुईं।

कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) योगदान: समुदायों के लिए कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहलों पर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 98 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे लगभग 20.4 लाख लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से लाभ पहुँचा।

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