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भारत में डॉप्लर रडार की संख्या 37 से बढ़कर वर्ष 2026 के अंत तक 126 हो जाएगी

Source : business.khaskhabar.com | Apr 26, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 the number of doppler radars in india will increase from 37 to 126 by the end of the year 2026 718017नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने 'डॉप्लर वेदर रडार नेटवर्क' की संख्या 2026 तक बढ़ाने की योजना बनाई है। वर्तमान में 37 रडार ऑपरेशनल हैं जिनकी संख्या 2025-26 (अप्रैल 2025 - मार्च 2026) तक 73 और 2026 के अंत तक 126 तक करने की योजना है। 
'डॉप्लर वेदर रडार नेटवर्क' एक खास तरह का रडार सिस्टम है, जिसका इस्तेमाल मौसम की निगरानी और पूर्वानुमान लगाने के लिए किया जाता है।
नए इंस्टॉलेशन को बेंगलुरु, रायपुर, अहमदाबाद, रांची, गुवाहाटी और पोर्ट ब्लेयर जैसे उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में स्थापित किया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और प्रमुख मंत्रालयों की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान इसकी घोषणा की गई, जिसमें भारत की मौसम और आपदा तैयारियों की समीक्षा की गई और सटीक पूर्वानुमान के लिए रोडमैप तैयार किया गया।
केंद्रीय मंत्री सिंह ने डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) कवरेज के विस्तार और देश भर में मेट्रोलॉजिकल सिस्टम के आधुनिकीकरण में तेजी लाने का आह्वान किया।
वर्तमान में दिल्ली में 18 ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (एडब्ल्यूएस) संचालन में हैं। समीक्षा के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने अधिकारियों को 50 अतिरिक्त सिस्टम की स्थापना में तेजी लाने का निर्देश दिया, जिसका दीर्घकालिक लक्ष्य 100 एडब्ल्यूएस है।
इस कदम का उद्देश्य मौसम पूर्वानुमान के इंफ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मानकों के बराबर लाना है। इस नेटवर्क का उद्देश्य चरम मौसम की घटनाओं पर नजर रखने में भारत की क्षमता बढ़ाना है।
डॉ. सिंह ने रियल-टाइम और ऐसे पूर्वानुमान की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने इम्पैक्ट बेस्ड फोरकास्टिंग की बात की, जिससे समय रहते नुकसान कम किया जा सके और जनहानि को रोका जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "कोई भी मौसम संबंधी खतरा अनदेखा या अप्रत्याशित नहीं रहना चाहिए।"
उन्होंने देश के हर कोने तक पहुंचने वाले एक मजबूत अर्ली वॉर्निंग सिस्टम को तैयार करने के सरकार के संकल्प को रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री ने रडार साइटों के चयन और पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए "मिशन मौसम" की प्रगति के बारे में जानकारी दी।
'मिशन मौसम' का उद्देश्य भारत के मौसम निगरानी इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांति लाना है।
इस योजना में बेहतर सैटेलाइट मेट्रोलॉजी सिस्टम, अपग्रेडेड न्यूमेरिकल प्रिडक्शन मॉडल्स और मजबूत रडार-बेस्ड फॉरकास्टिंग मैकेनिज्म शामिल हैं।
बैठक के दौरान डॉ. सिंह ने कहा, "अधिक सटीकता के साथ मौसम को ट्रैक करने की क्षमता हमारे आपदा प्रबंधन प्रयासों को बढ़ावा देगी। साथ ही किसानों, मछुआरों, विमानन और दूसरे क्षेत्रों को भी सीधे लाभ पहुंचाएगी।"
--आईएएनएस
 

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