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देश 2047 तक सभी के लिए बीमा विजन की ओर अग्रसर, सरकार कर रही एक बड़ी तैयारी

Source : business.khaskhabar.com | Dec 01, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 the country is moving towards the vision of insurance for all by 2047 with the government making major preparations 772260नई दिल्ली। भारत अगले 7 वर्षों में 2032 तक दुनिया का छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बनने जा रहा है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) के अनुसार, जीवन बीमा कारोबार में भारत दुनिया में दसवें और गैर-जीवन बीमा कारोबार में 15 वें स्थान पर अपनी जगह बनाता है। इसके अलावा, 2019 में वैश्विक जीवन बीमा बाजार में भारत की हिस्सेदारी 2.73 प्रतिशत और वैश्विक गैर-जीवन बीमा बाजार में 0.79 प्रतिशत दर्ज की गई थी। 
इस वर्ष स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 प्रतिशत की जीएसटी रेट कटौती वित्तीय सुरक्षा का तेजी से विस्तार कर रही है। पीएम मोदी के अनुसार, "नेक्स्ट जेन जीएसटी सुधार जीवन और स्वास्थ्य बीमा को अधिक किफायती बनाते हैं। साथ ही, ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में हमारी इस यात्रा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।" 
देश में इरडाई पॉलिसीधारकों के हितों की रक्षा के लिए भारतीय बीमा उद्योग को विनियमित करते हैं और उद्योग के व्यवस्थित विकास के लिए काम करता है। देश के बीमा क्षेत्र के इतिहास और इरडाई की स्थापना की बात करें तो भारत सरकार ने 1991 में आर्थिक सुधार कार्यक्रम और वित्तीय क्षेत्र में सुधार शुरू कर दिए थे। बीमा क्षेत्र में सुधारों की सिफारिश करने के लिए 1993 में आर.एन. मल्होत्रा की अध्यक्षता में बीमा क्षेत्र में सुधारों पर समिति गठित की गई थी। 
मल्होत्रा समिति ने 1994 में कुछ सुधारों की सिफारिश की थी। इन सिफारिशों में एक महत्वपूर्ण सिफारिश में बीमा कंपनियों को आगे बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी भी थी। अन्य सिफारिशों में विदेशी प्रमोटरों को भी अनुमति दिए जाने और सरकार द्वारा उसकी नियामक शक्तियां संसद के प्रति जवाबदेह एक स्वतंत्र नियामक निकाय को सौंपेने की बात कही गई थी। इसके बाद, बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 के तहत एक स्वायत्त निकाय के रूप में इरडाई की स्थापना हुई थी। 
इरडाई ने अगस्त 2000 में पंजीकरण के लिए आवेदन के आमंत्रण के साथ बाजार खोला। विदेशी कंपनियों को तब 26 प्रतिशत तक के स्वामित्व की अनुमति थी। इस वर्ष 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 74 प्रतिशत से 100 प्रतिशत करने की घोषणा की थी। हालांकि, यह बढ़ी हुई सीमा उन कंपनियों के लिए होगी, जो भारत में सम्‍पूर्ण प्रीमियम का निवेश करेंगी। 
सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले 9 आर्थिक बिल में एक इंश्योरेंस कानूनों में बदलाव लाने वाला बिल भी शामिल होगा। सरकार बीमा क्षेत्र में निवेश बढ़ाने को लेकर बीमा कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश करने की योजना बना रही है। देश में अभी तक बीमा क्षेत्र ने एफडीआई के जरिए 82,000 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया है। -आईएएनएस

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