हिन्दुस्तान जिंक विनिवेश पर सुप्रीमकोर्ट के कडे सवाल
Source : business.khaskhabar.com | Jan 19, 2016 | 

नई दिल्ली। विनिवेश को लेकर शुरू से ही विवादों में रहे हिंदुसतान जिंक के बारे मेें अदालत ने सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने हिन्दुस्तान जिंक के बचे हुए शेयरों के विनिवेश की योजना पर फिलहाल रोक लगा दी है और सरकार से कडे सवाल पूछे हैं। अदालत का कहना है कि आपको लाखों-करोडों के शेयर बेचने की ऎसी हडबडी क्यों है।
आपने एक बार संसद की मंज़ूरी के बिना विनिवेश कर दिया तो दोबारा वही कायदा क्यों तोडना चाहते हैं। इस मामले में चार हफ्ते बाद फिर सुनवाई होगी। बता दें, हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड कभी पीएसयु कंपनी थी और हर साल लाभ कमाती थी। आज इसकी मिल्कियत वेदांता समूह के पास है।
सरकार के पास हिन्दुस्तान जिंक के 29.5 फीसदी शेयर हैं लेकिन सरकार इन्हें भी वेदांता को बेचने की तैयारी में है। इस मामले में याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण का तर्क है कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड कंपनी संसद के एक्ट से बनी थी इसलिए अब विनिवेश के लिए भी संसद की मंजूरी जरूरी है और सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसले में भी संसद की मंजूरी जरूरी है।
इस बारे में सरकार का तर्क था कि हिन्दुस्तान जिंक अब सरकारी कंपनी नहीं है व कहा कि 2002 में ही कंपनी का विनिवेश हो चुका है। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सरकार फिर क्यों नियम तोडना चाहती है।