businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

सेबी की बोर्ड बैठक में स्टार्टअप ईएसओपी, पीएसयू डिलिस्टिंग और बॉन्ड निवेश नियमों पर हो सकती है चर्चा

Source : business.khaskhabar.com | Jun 19, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 sebi board meeting may discuss startup esops psu delisting and bond investment rules 730230मुंबई । भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) बुधवार को अपनी बोर्ड बैठक में स्टार्टअप, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की डिलिस्टिंग और विदेशी निवेशकों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकता है। 
बैठक में जिन प्रमुख विषयों पर चर्चा होने की उम्मीद है, उनमें से एक यह है कि क्या स्टार्टअप संस्थापक अपनी कंपनी के सार्वजनिक होने के बाद भी ईएसओपी रखना जारी रख सकते हैं।
वर्तमान में एक बार जब स्टार्टअप संस्थापक को आईपीओ प्रक्रिया के दौरान प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, तो उन्हें ईएसओपी प्राप्त करने की अनुमति नहीं होती है।
हालांकि, सेबी का मानना ​​है कि नियम इस बारे में स्पष्ट नहीं हैं कि क्या संस्थापक जिन्हें प्रमोटर लेबल किए जाने से पहले ईएसओपी दिए गए थे, वे आईपीओ के बाद भी अपने ईएसओपी का उपयोग कर सकते हैं।
यह कई न्यू-एज टेक्नोलॉजी स्टार्टअप के लिए से प्रासंगिक है, जहां संस्थापक अक्सर शुरुआती दिनों में वेतन के बजाय ईएसओपी लेते हैं।
जैसे-जैसे ये कंपनियां निवेशकों से धन जुटाती हैं, संस्थापकों की शेयरधारिता कम होती जाती है। इस मुद्दे को लेकर सेबी ने 20 मार्च, 2025 को एक परामर्श पत्र जारी किया था, जिसमें इस पर जनता की राय मांगी गई थी।
विनियामक ईएसओपी के अनुदान और आईपीओ पत्रों को दाखिल करने के बीच एक साल की 'कूलिंग-ऑफ' अवधि शुरू करने पर भी विचार कर रहा है।
सेबी का मानना ​​है कि आईपीओ से ठीक पहले ईएसओपी देने का दुरुपयोग हो सकता है। बैठक में एक और बड़ा विषय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) की स्वैच्छिक डीलिस्टिंग है।
इसके लिए सेबी एक नए ढांचे पर विचार कर सकता है, जो पीएसयू को शेयर बाजार से बाहर निकलने की अनुमति देता है, अगर सरकार के पास कंपनी के 90 प्रतिशत से अधिक शेयर हैं।
कई पीएसयू में कम सार्वजनिक शेयरधारिता, खराब वित्तीय स्थिति या पुराने व्यवसाय मॉडल हैं, जिससे उनकी निरंतर लिस्टिंग कम व्यवहारिक हो जाती है। इस मुद्दे पर एक चर्चा पत्र इस साल मई में जारी किया गया था।
सेबी, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए अनुपालन नियमों को आसान बनाने पर भी चर्चा कर सकता है, जो केवल भारतीय सरकारी बॉन्ड (आईजीबी) में निवेश करते हैं।
इसके अलावा, सेबी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) के लिए डिस्क्लोजर स्टैंडर्ड को सरल बनाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है।
--आईएएनएस
 

[@ यह उपाय करने से शांत होंगे शनि दोष]


[@ संजय दत्त की जिंदगी से जुड़े वो राज जिसे नहीं जानते हैं आप]


[@ अनूठा कारनामा, महिला ने बालों से बनाया कोट]