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आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत किया

Source : business.khaskhabar.com | Dec 05, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rbi raises gdp growth forecast for the current fiscal year to 73 percent 773140मुंबई । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर अनुमान को पहले के 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती, मजबूत कृषि संभावनाओं, कम मुद्रास्फीति और कंपनियों और बैंकों की मजबूत बैलेंस शीट से आउटलुक बेहतर बना हुआ है।
 
मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी ग्रोथ और महंगाई में तेज गिरावट के बाद इसके 1.7 प्रतिशत पर आ जाने से देश की इकोनॉमी के लिए रेयर 'गोल्डीलॉक्स पीरियड' बना हुआ है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा, "आगे देखते हुए कृषि क्षेत्र की अच्छी संभावनाएं, जीएसटी रेशनलाइजेशन का प्रभाव, सौम्य मुद्रास्फीति, कॉर्पोरेट और वित्तीय संस्थानों की मजबूत बैलेंस शीट और अनुकूल मौद्रिक एवं वित्तीय स्थितियां जैसे घरेलू कारक इकोनॉमिक गतिविधियों को समर्थन देते रहेंगे। निरंतर सुधार से विकास को लगातार बढ़ावा मिलता रहेगा।"
उन्होंने एक्सटर्नल फ्रंट पर कहा, "सेवा निर्यात मजबूत बने रहने की उम्मीद है, जबकि वस्तु निर्यात को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आउटलुक को लेकर बाहरी अनिश्चितताएं नकारात्मक जोखिम पैदा करती रहेंगी। वहीं, वर्तमान व्यापार और निवेश वार्ताओं के समापन के साथ वृद्धि की संभावनाएं बनी हुई हैं।"
इन सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई गवर्नर मल्होत्रा ने इस वर्ष दिसंबर तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत, अगले वर्ष मार्च तिमाही के लिए 6.5 प्रतिशत, जून तिमाही के लिए 6.7 प्रतिशत और सितंबर तिमाही के लिए 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।
उन्होंने बताया कि वैश्विक व्यापार और नीतिगत अनिश्चितताओं के बीच देश की रियल जीडीपी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8.2 प्रतिशत पर छह तिमाहियों की उच्चतम वृद्धि दर रही, जो कि मजबूत घरेलू मांग का परिणाम था। सप्लाई साइड पर, औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में तेजी से रियल ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। देश की आर्थिक गतिविधियों को चालू वित्त की पहली छमाही में इनकम टैक्स, जीएसटी रेशनलाइजेशन, कच्चे तेल की कम कीमतें, सरकारी पूंजीगत व्यय में वृद्धि और अनुकूल मुद्रास्फीति से सुविधाजनक मौद्रिक और वित्तीय स्थितियों से लाभ हुआ।
आरबीआई गवर्नर ने आगे बताया कि हाई-फ्रिक्वेंसी इंडीकेटर्स ने तीसरी तिमाही में घरेलू आर्थिक गतिविधियां के स्थिर बने रहने के संकेत दिए हैं, हालांकि, कुछ लीडिंग इंडीकेटर्स में कमजोरी के संकेत भी नजर आए हैं। इस वर्ष अक्टूबर और नवंबर में जीएसटी रेशनलाइजेशन और त्योहारों से जुड़े खर्च ने देश की घरेलू मांग को समर्थन दिया। इसके अलावा, ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है और शहरी मांग में लगातार सुधार हो रहा है। नॉन-फूड बैंक क्रेडिट में विस्तार और हाई कैपेसिटी यूटिलाइजेशन से निजी निवेश बढ़ रहा है, जिसके साथ निवेश गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं। 


--आईएएनएस




 

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