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आरबीआई इस वर्ष के अंत से पहले नीतिगत दर में एक और कटौती कर सकता है: रिपोर्ट

Source : business.khaskhabar.com | Oct 20, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rbi may cut policy rates again before the end of this year report 761728मुंबई । गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई इस वर्ष के अंत से पहले नीतिगत दर में एक और कटौती कर सकता है, जिससे राजकोषीय समेकन और घरेलू नियामकीय ढील के साथ-साथ क्रेडिट डिमांड में धीरे-धीरे सुधार होगा। 
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें इस वर्ष के अंत से पहले नीतिगत दर में एक और कटौती की उम्मीद है और हाल ही में जीएसटी कटौती से संकेत मिलता है कि राजकोषीय कंसोलिडेशन का पीक अब पीछे छूट गया है। हमें उम्मीद है कि घरेलू नियामकीय ढील के साथ-साथ, इससे ऋण मांग में धीरे-धीरे सुधार होगा।"
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई द्वारा घोषित हालिया उपायों से सप्लाई साइड क्रेडिट की स्थिति में सुधार आना चाहिए; हालांकि, वृद्धिशील ऋण की सीमा व्यापक अर्थव्यवस्था में मांग की स्थिति पर निर्भर करेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियां भारत के आउटलुक पर दबाव बना रही हैं, जिनमें एच-1बी वीजा के लिए अमेरिका में बढ़ती इमिग्रेशन लागत शामिल है, जो भारतीय आईटी सेवाओं को प्रभावित करती है। इसके अलावा, इसमें भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि भी शामिल है। ये कारक व्यापक मैक्रो अनिश्चितता के साथ-साथ ऋण मांग को कम कर सकते हैं।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की मुद्रास्फीति दर इस वर्ष सितंबर में घटकर 8 वर्षों के निचले स्तर 1.54 प्रतिशत पर आ गई। इससे आरबीआई को नीतिगत दरों में कटौती और विकास को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था में अधिक लिक्विडिटी डालने पर ध्यान केंद्रित करने का अधिक अवसर मिल गया है।
आरबीआई ने 2025-26 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर के अपने अनुमान को पहले के 6.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है, क्योंकि जीएसटी सुधार सहित कई विकास-प्रेरक संरचनात्मक सुधारों के कार्यान्वयन से बाहरी बाधाओं के कुछ प्रतिकूल प्रभावों की भरपाई होने की उम्मीद है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद ने 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की, जो मजबूत निजी खपत और स्थिर निवेश के कारण संभव हुई। 
सप्लाई साइड पर, सकल मूल्य वर्धन में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि विनिर्माण क्षेत्र में पुनरुद्धार और सेवाओं में निरंतर विस्तार के कारण हुई। 
उपलब्ध उच्च-आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि आर्थिक गतिविधि लगातार मज़बूत बनी हुई है। 
आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि अच्छे मानसून और मजबूत कृषि गतिविधि के कारण ग्रामीण मांग मजबूत बनी हुई है, जबकि शहरी मांग में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
--आईएएनएस
 

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