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रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि, आवास, वाहन कर्ज महंगे

Source : business.khaskhabar.com | Jun 07, 2018 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 rbi hikes repo rate by 25 bps house auto loans to get costlier 319026मुंबई। साल 2015 के जनवरी बाद आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ने बुधवार को प्रमुख ब्याज दरों में वृद्धि की, जिससे आवास और वाहन कर्ज महंगे हो गए हैं। रेपो दर 25 आधार अंकों की वृद्धि के साथ अब 6.25 फीसदी हो गई है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि मुद्रास्फीति और कच्चे तेल की कीमतों में वैश्विक वृद्धि को देखते हुए रेपो दर में 25 आधार अंकों की वृद्धि की गई है।

आरबीआई ने हालांकि मौद्रिक नीति पर अपना ‘तटस्थ’ रुख बनाए रखा है, जैसा कि उसने अपनी पिछली चार मौद्रिक समीक्षाओं में किया है। वाणिज्यिक बैंकों के लिए अल्पकालिक कर्ज दर छह फीसदी है। इस रुख से आरबीआई दरों को सुविधानुसार बढ़ा या घटा सकता है।

आरबीआई ने अपने बयान में कहा, ‘‘मौद्रिक नीति समिति का निर्णय मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के मध्यम अवधि के लक्ष्य चार फीसदी मुद्रास्फीति (दो फीसदी ऊपर-नीचे) प्राप्त करना है।’’

बयान में आगे कहा गया है, ‘‘नतीजतन, तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत रिवर्स रेपो दर 6.00 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर और बैंक दर 6.50 फीसदी हो गई है।’’

मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने विस्तार से बताया कि तटस्थ रुख से केंद्रीय बैंक को विभिन्न विकल्पों पर बढऩे की अनुमति मिलती है और दरों में वृद्धि विरोधाभासी नहीं है।

उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा, ‘‘तटस्थ रुख सभी विकल्पों को खुला छोड़ देता है... अन्य केंद्रीय बैंक भी ऐसा ही करते हैं, यहां कोई विरोधाभास नहीं है।’’

उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमने तटस्थ रुख को बरकरार रखा है, साथ ही हाल के महीनों में मुद्रास्फीति के जोखिमों का जवाब भी दिया है। पिछले छह महीनों से मुद्रास्फीति चार फीसदी के लक्ष्य पर बनी हुई है।’’

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने एकमत से दरों में बढ़ोतरी पर सहमति जताई और चार सालों बाद दरों में बढ़ोतरी की गई है, जो नरेंद्र मोदी सरकार के दौरान पहला मौका है।

सरकार ने भी नवीनतम मौद्रिक नीति समीक्षा की सराहना करने में देरी नहीं की।

आर्थिक मामलों के सचिव एस. सी. गर्ग ने ट्वीट किया, ‘‘स्वागतयोग्य मौद्रिक नीति बयान, विकास, मुद्रास्फीति व बाहरी स्थितियों और उम्मीदों का काफी संतुलित मूल्यांंकन। मौजूदा ब्याज अंतर और तेल कीतमों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए दरों में वृद्धि समझ में आने योग्य है। इससे अनिश्चितता को हटाने और बाजार को स्थिर करने में मदद मिलेगी।’’

अरिहंत कैपिटल मार्केट्स की निदेशक अनिता गांधी ने कहा, ‘‘कच्चे तेल के दामों में हालिया वृद्धि और वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में बेहतर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) से मुद्रास्फीति में वृद्धि का खतरा है। हालांकि यह कर्जदारों पर कुछ दवाब डाल सकता है, लेकिन बचतकर्ताओं के लिए सकारात्मक खबर है।’’
(आईएएनएस)

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