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Overview 2025 : 4 ट्रिलियन डॉलर से भारी गिरावट तक, क्रिप्टो की दुनिया ने देखा हर रंग

Source : business.khaskhabar.com | Dec 29, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 overview 2025 from 4 trillion to a massive crash the crypto world saw every shade 779725नई दिल्ली । साल 2025 क्रिप्टोकरेंसी बाजार के लिए बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा। इस साल क्रिप्टो की दुनिया ने जहां नई ऊंचाइयों को छुआ, वहीं निवेशकों को कई बड़े झटकों का भी सामना करना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नाम से जुड़े 'डॉलरट्रंप' टोकन से लेकर 'पाई कॉइन' की एंट्री, रिकॉर्ड तोड़ मार्केट कैप, बड़े साइबर अटैक और बिटकॉइन के ऑल-टाइम हाई तक, इस साल क्रिप्टो मार्केट ने हर तरह के रंग देखे। 
जनवरी में क्रिप्टो बाजार उस वक्त सुर्खियों में आ गया, जब डोनाल्ड ट्रंप ने 18 जनवरी 2025 को 'डॉलरट्रंप' नाम का क्रिप्टो टोकन लॉन्च किया। यह लॉन्च उनके राष्ट्रपति पद की शपथ से ठीक दो दिन पहले हुआ। सोशल मीडिया एक्स पर इसकी जानकारी शेयर होते ही टोकन की कीमत में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। लॉन्च के कुछ ही समय में इसका मार्केट कैप करीब 5.76 अरब डॉलर तक पहुंच गया और 24 घंटे में 300 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दर्ज किया गया। हालांकि साल के अंत तक इसकी कीमत और वैल्यू में बड़ी गिरावट देखने को मिली।
28 दिसंबर 2025 तक आते-आते डॉलरट्रंप टोकन की कीमत घटकर लगभग 4.93 डॉलर रह गई, और इसका मार्केट कैप करीब 987 मिलियन डॉलर पर आ गया।
फरवरी 2025 पाई नेटवर्क से जुड़े यूजर्स के लिए खास रहा। 20 फरवरी को ओपन नेटवर्क लॉन्च होते ही पाई कॉइन कई बड़े एक्सचेंजों पर लिस्ट हुआ। वर्षों से फ्री में माइनिंग कर रहे यूजर्स को पहली बार अपने कॉइन बेचने और ट्रेड करने का मौका मिला।
लॉन्च के दिन पाई कॉइन करीब 1.3 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था, लेकिन साल के अंत तक इसकी कीमत गिरकर लगभग 0.20 डॉलर रह गई। इसके बावजूद इसका मार्केट कैप करीब 1.69 अरब डॉलर बना रहा।
मार्च में अमेरिका ने क्रिप्टो को लेकर एक बड़ा कदम उठाया। 7 मार्च को व्हाइट हाउस में पहली बार क्रिप्टो समिट का आयोजन हुआ, जिसमें इंडस्ट्री लीडर्स, सांसद और सरकारी अधिकारी शामिल हुए। इस सम्मेलन में सरकारी डिजिटल एसेट रिजर्व और क्रिप्टो पॉलिसी को लेकर अहम चर्चाएं हुईं।
अप्रैल में अमेरिका और यूरोप में स्टेबलकॉइन को लेकर नियम सख्त होते नजर आए। रिजर्व, ऑडिट और पारदर्शिता पर फोकस बढ़ा, जिससे इस सेगमेंट में रेगुलेशन को लेकर बहस तेज हुई।
मई में दुनिया के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनबेस ने साइबर हमले की पुष्टि की। इस हमले में कुछ ग्राहकों का डेटा लीक हुआ और कंपनी को 180 से 400 मिलियन डॉलर तक के नुकसान का अनुमान लगाया गया। हालांकि लॉगिन डिटेल्स सुरक्षित रहीं और प्रभावित ग्राहकों को मुआवजा देने की बात कही गई।
जून में बिटकॉइन ने जबरदस्त तेजी दिखाते हुए 1,04,000 डॉलर के पार कारोबार किया। यह साल की शुरुआती बड़ी रैली मानी गई।
जुलाई में भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स पर बड़ा साइबर अटैक हुआ। इस हमले में करीब 44 मिलियन डॉलर के नुकसान की खबर आई। कंपनी ने भरोसा दिलाया कि ग्राहकों के फंड सुरक्षित हैं।
अगस्त में क्रिप्टो इंडस्ट्री ने एक ऐतिहासिक मुकाम हासिल किया, जब ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप 4 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर गया।
सितंबर में अमेरिका और यूरोप में क्रिप्टो ईटीएफ में लगातार इनफ्लो देखने को मिला, जिससे संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी साफ नजर आई।
अक्टूबर 2025 बिटकॉइन के नाम रहा। 7 अक्टूबर को बिटकॉइन ने 1,26,198 डॉलर का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। वहीं, इसका 52-वीक लो करीब 74,436 डॉलर रहा।
नवंबर में क्रिप्टो बाजार पर भारी दबाव दिखा। बिटकॉइन और एथेरियम समेत बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में तेज गिरावट आई और यह महीना पिछले तीन सालों में सबसे कमजोर महीनों में गिना गया।
दिसंबर में क्रिप्टो बाजार कमजोर बना रहा। 23 दिसंबर 2025 को बिटकॉइन 90,000 डॉलर से नीचे फिसलकर करीब 87,629 डॉलर पर ट्रेड करता दिखा। वहीं ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप घटकर लगभग 2.97 ट्रिलियन डॉलर रह गया।
इस तरह, 2025 क्रिप्टो के लिए उम्मीद, जोखिम और सीख से भरा साल रहा। जहां नए टोकन, ईटीएफ और रिकॉर्ड हाई ने भरोसा बढ़ाया, वहीं हैक्स और गिरावट ने सतर्क रहने का संदेश भी दिया। क्रिप्टो की दुनिया में उतार-चढ़ाव तो तय है, लेकिन 2025 ने यह साफ कर दिया कि यह बाजार अब ग्लोबल फाइनेंस का अहम हिस्सा बन चुका है।
--आईएएनएस

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