नई दिल्ली। यूरिया संयंत्रों को फिलहाल पुराने दाम पर ही गैस&द्दह्ल; की बिक्री करने पर सहमत हुई रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने इन ग्राहकों से कहा है कि गैस मूल्य का संशोधित मूल्य इस साल पहली अप्रैल से ही लागू होगा। सरकार द्वारा स्वीकृत इस फार्मूले के अनुसार गैस के दाम करीब करीब दुगुने हो जाएंगे। रिलायंस इंडस्ट्रीज और यूरिया कंपनियां पिछले सप्ताह गैस मूल्य से जुडे मुद्दे को सुलझाने में असफल रही थी।
कंपनी और उसके ग्राहकों के बीच गैस बिक्री का पांच साल का समझौता 31 मार्च 2014 को समाप्त होने के बाद नया समझौता नहीं हो पाया। पिछले समझौते के तहत रिलायंस के केजी डी6 अपतटीय ब्लॉक से गैस की बिक्री 4.205 डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमएमबीटीयू) के दाम पर हो रही थी। कंपनी ने फिलहाल चुनाव समाप्त होने तक अंतरिम तौर पर गैस की आपूर्ति जारी रखने पर सहमति जताई है। विवाद इस बात को लेकर खडा हुआ कि उपभोक्ता को किस दाम पर भुगतान गारंटी उपलब्ध करानी चाहिए, वह दाम जिसका अनुबंध समाप्त हो चुका है या फिर नया दाम जो कि 8.34 डॉलर प्रति बैरल तक होगा।
चुनाव आयोग ने यदि रोक नहीं लगाई होती तो 1 अप्रैल 2014 से गैस के दाम आठ डॉलर प्रति एमएमबीटीयू से ऊपर होते। आरआईएल ने बुधवार को ही सभी उर्वरक कंपनियों को पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि 4.205 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू का गैस मूल्य 31 मार्च 2014 तक ही वैध था। कंपनी ने कहा है कि गैस बिक्री की परिस्थितियों और शतोंü का मुद्दा द्विपक्षीय चर्चा का विषय है।
कंपनी ने कहा है कि उर्वरक कंपनियों को भुगतान के लिए सुरक्षा गारंटी पुराने और नई दरों के अंतर के बराबर पूरी करनी होगी। सरकार ने केजी डी6 से उत्पादित गैस का 4.205 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू गैस बिक्री मूल्य पहले पांच साल के लिए रखा था। कंपनी ने क्षेत्र से गैस का उत्पादन अप्रैल 2009 में शुरू किया था। इसके पांच वर्ष 31 मार्च 2014 को समाप्त हो गए।