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गुड़ उत्पादन जोरों पर, सर्दी बढऩे से मांग भी तेज

Source : business.khaskhabar.com | Nov 21, 2017 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 jaggery production at the same time increasing demand for winter by demand 273432नई दिल्ली। मौसम में बदलाव के साथ देश की सबसे बड़ी गुड़ मंडी मुजफ्फरनगर में पिछल्ले हफ्ते से फिर गुड़ की आवक बढ़ गई है। गुड़ कारोबारियों ने बताया कि धूप खिलने से जहां गुड़ का उत्पादन बढ़ा है वहीं सर्दी के दस्तक के साथ मांग भी बढ़ गई है।

मुजफ्फरनगर मंडी गुड़ खांडसारी व ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के हरिशंकर ने बताया कि पिछल्ले करीब डेढ़ महीने में चार लाख मन (एक मन में 40 किलो) से ज्यादा गुड़ मंडी में आ चुका है और मांग भी इतनी तेज है कि अभी तक कोल्ड स्टोरेज में कुछ गुड़ जमा नहीं हुआ है। जितनी आवक होती है उससे ज्यादा कहीं मांग रहती है।

उन्होंने कहा कि सर्दी बढऩे से मांग और तेज हो गई। खासतौर से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से ज्यादा ऑर्डर मिल रहे हैं। स्थानीय मांग भी तेज है।

सोमवार को मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ की आवक 8,000 मन आंकी गई। इनमें रस्कट धैया की बोली 960-970 रुपये प्रति मन लगी और लड्ड्ू में 1,100-1,220 रुपये प्रति मन पर कारोबार हुआ। खुरपा की बोली 1,010-1,060 रुपये प्रति मन लगी, जबकि चाकू 1,030-1,160 रुपये प्रति मन बिका।

मुजफ्फरनगर मंडी के गुड़ कारोबारी मनमोहन ने बताया गुड़ की आवक आगे और बढ़ सकती है क्योंकि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के दौरे के बाद प्रशासन गुड़ माफिया पर लगाम कसने वाला है। उन्होंने बताया कि गुड़ माफिया सीधे उत्पादन केंद्रों से गुड़ खरीदकर बाहर ही बाहर बेच देते हैं। इस तरह वह मंडी शुल्क की चोरी करते हैं। मंडी में आने वाले गुड़ पर 2.5 फीसदी का मंडी शुल्क लगता है। उन्होंने बताया कि गुड़ व्यापारियों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिया था। वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने गुड़ को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा है।

इस पेराई सीजन 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में गुड़ उत्पादकों ने जल्दी पेराई शुरू कर दी थी और 4 अक्टूबर से मंडी में आवक शुरू हो चुकी थी।  हरिशंकर ने बताया कि किसानों को इस बार गन्ने का भाव भी अच्छा मिल रहा है। गुड़ उत्पादक 285-290 रुपये प्रतिक्विंटल गन्ना किसानों से खरीद रहे हैं।

हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों के लिए पिछले साल के मुकाबले राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी)10 रुपये प्रतिक्विंटल बढ़ाकर गन्ने का भाव 315 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से तय लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 255 रुपये प्रति क्विंटल भी शामिल है।
(आईएएनएस)

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