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भारतीय रेलवे की नई उपलब्धि, हाई-टेक एलएचबी कोचों के उत्पादन में 18 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी

Source : business.khaskhabar.com | Dec 15, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 indian railways achieves new milestone record 18 increase in production of high tech lhb coaches 775856नई दिल्ली । भारतीय रेलवे ने उच्च तकनीक वाले लिंके हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोचों के उत्पादन में लगातार बेहतरी दिखाई है, जो यात्रियों के लिए बेहतर सुरक्षा, सुविधाजनक यात्रा और रेलवे के बेहतर कार्य प्रदर्शन को दर्शाते हैं।   
चालू वित्त वर्ष 2025-26 (नवंबर 2025 तक) के दौरान कुल 4,224 एलएचबी कोच बनाए गए हैं। यह पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक है, जब केवल 3,590 कोच बनाए गए थे। रविवार को रेल मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, उत्पादन में यह वृद्धि रेलवे के विभिन्न कारखानों की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और बेहतर उत्पादन योजना का परिणाम है।
इस अवधि में चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने 1,659 एलएचबी कोच बनाए, जबकि रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्ट्री (एमसीएफ) ने 1,234 कोच और कपूरथला स्थित रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) ने 1,331 कोच बनाए, जिससे कुल मिलाकर एलएचबी कोचों के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है।
दीर्घकालिक तुलना में पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगति हुई है। 2014 से 2025 तक भारतीय रेलवे ने 42,600 एलएचबी कोच बनाए, जो 2004 से 2014 के बीच बने 2,300 कोच से 18 गुना ज्यादा है। यह विस्तार सुरक्षा मानकों और कम रख-रखाव की विशेषताओं के कारण एलएचबी कोचों की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।
एलएचबी कोच आधुनिक, सुरक्षित और आरामदायक यात्री कोच हैं, जो जर्मन डिजाइन से विकसित हैं और आधुनिक सुविधाएं जैसे स्टेनलेस स्टील बॉडी, एडवांस्ड डिस्क ब्रेक्स और 160 किमी/घंटा तक की उच्च गति प्रदान करते हैं। इन कोचों में एंटी-क्लाइम्बिंग डिवाइस जैसे सुरक्षा फीचर्स होते हैं, जो पुराने आईसीएफ कोचों की जगह लेते हैं और राजधानी और शताबदी एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में इस्तेमाल होते हैं।
भारतीय रेलवे आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जिससे घरेलू उत्पादन में वृद्धि हो रही है और आयात पर निर्भरता कम हो रही है। भारतीय रेलवे का लक्ष्य उत्पादन क्षमता को और बढ़ाना है, ताकि देश की बढ़ती यातायात आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके और यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिल सके।
--आईएएनएस 

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