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इंडिया-यूके ट्रेड एग्रीमेंट लेबर, एमएसएमई और स्टार्टअप के लिए एक बड़ा बदलाव : पीयूष गोयल 

Source : business.khaskhabar.com | July 25, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 india uk trade agreement a big change for labor msmes and startups piyush goyal 739193लंदन । केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारत-यूके व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) को एक 'ऐतिहासिक छलांग' बताया, जो देशभर में श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई और स्टार्टअप को सशक्त बनाएगा। 
गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर और दोनों देशों के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा कि यह समझौता ब्रिटेन को 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात के लिए शुल्क मुक्त पहुंच प्रदान करता है, जिससे लगभग 23 अरब डॉलर के नए अवसर खुलेंगे, खासकर श्रम-उद्योगों के लिए।
दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में हस्ताक्षरित यह समझौता विकसित देशों के साथ भारत के व्यापारिक संबंधों में एक नया अध्याय शुरू करता है। इस साल की शुरुआत में बातचीत पूरी होने के बाद पीयूष गोयल और ब्रिटेन के व्यापार एवं वाणिज्य राज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने इस पर हस्ताक्षर किए।
गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "यह समझौता कपड़ा, चमड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण, खिलौने और समुद्री उत्पादों जैसे क्षेत्रों में कार्यरत कारीगरों, बुनकरों और मजदूरों के जीवन में बदलाव लाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "ग्रामीण करघों से लेकर तकनीकी प्रयोगशालाओं तक, यह मुक्त व्यापार समझौता बेहतर वित्तीय पहुंच और गहन वैश्विक एकीकरण के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाता है।"
इस समझौते के तहत कृषि क्षेत्र को भी बड़ा लाभ मिलेगा, जिससे लगभग 95 प्रतिशत भारतीय कृषि उत्पाद ब्रिटेन में शुल्क-मुक्त पहुंचेंगे। मछुआरों को भी 99 प्रतिशत समुद्री निर्यात पर शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा।
गोयल ने जोर देकर कहा कि यह समझौता 'समावेशी और लैंगिक समानता पर आधारित विकास' का समर्थन करता है, जिससे जमीनी स्तर से लेकर ऊपर तक एक अधिक लचीली अर्थव्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी।
पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा, इस समझौते से इंजीनियरिंग सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, रसायन, प्लास्टिक और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो भारत के विनिर्माण भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। यह उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिटिश सामान को भारतीय उपभोक्ताओं के लिए और भी किफायती बना देगा।
भारत की आर्थिक महाशक्तियों में से एक, सर्विस सेक्टर को आईटी, वित्त, शिक्षा और कानूनी सेवाओं के क्षेत्र में ब्रिटेन के बाजारों तक बेहतर पहुंच का लाभ मिलेगा।
सरलीकृत वीजा नियम और लिबरल एंट्री नॉर्म्स भारतीय रसोइयों, योग प्रशिक्षकों, संगीतकारों, व्यावसायिक आगंतुकों और विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों के लिए रास्ता आसान बना देंगे।
एक अन्य प्रमुख आकर्षण दोहरा योगदान समझौता है, जो भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्षों के लिए यूके में सामाजिक सुरक्षा अंशदान देने से छूट देता है।
गोयल ने इसे एक 'महत्वपूर्ण उपलब्धि' बताया, जो विदेशों में भारतीय प्रतिभाओं की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है।
यह समझौता भारतीय स्टार्टअप्स के लिए भी द्वार खोलता है, उन्हें यूके के निवेशकों और नवाचार केंद्रों तक पहुंच प्रदान करता है, जिससे उनकी वैश्विक उपस्थिति का विस्तार होता है।
गोयल के अनुसार, सीईटीए सरकार की 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसी प्रमुख पहलों के लिए 'दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद' है, क्योंकि यह रोजगार सृजन को बढ़ावा देता है और वैश्विक व्यापार में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है।
--आईएएनएस 

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