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ईवी क्रांति के लिए भारत को 2030 तक चाहिए 6,900 एकड़ जमीन और $9 अरब का निवेश

Source : business.khaskhabar.com | Jun 13, 2025 | businesskhaskhabar.com Automobile News Rss Feeds
 india needs 6900 acres of land and $9 billion investment by 2030 for ev revolution 728747नई दिल्ली। भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है, और इस वृद्धि को बनाए रखने के लिए आने वाले वर्षों में बड़े पैमाने पर भूमि और वित्तीय निवेश की आवश्यकता होगी। रियल एस्टेट कंसल्टेंसी कंपनी सैविल्स इंडिया (Savills India) की एक ताजा रिपोर्ट 'चार्ज्ड फॉर चेंज: हाउ ईवीज आर रीशेपिंग इंडियन रियल एस्टेट' में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। 
रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक EV निर्माण इकाइयों, बैटरी उत्पादन सुविधाओं और व्यापक चार्जिंग नेटवर्क के विकास के लिए भारत को लगभग 6,900 एकड़ (6,852 एकड़ सटीक) जमीन और 9 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 75,000 करोड़ रुपये) के निवेश की आवश्यकता होगी। 
बड़ी तैयारी की जरूरत: रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि यदि भारत में ईवी अपनाने की गति तेज बनी रहती है, तो अगले पांच वर्षों में इस बड़े पैमाने के बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए ठोस तैयारी की आवश्यकता होगी। यदि विकास की गति मध्यम भी रहती है, तब भी लगभग 7.5 अरब डॉलर का निवेश और 5,760 एकड़ भूमि की जरूरत पड़ेगी। यह दर्शाता है कि किसी भी परिदृश्य में, ईवी सेक्टर के लिए महत्वपूर्ण संसाधनों की आवश्यकता होगी। ईवी ग्रोथ के प्रेरक कारक: भारत में ईवी सेक्टर के विस्तार को चार प्रमुख कारक बढ़ावा दे रहे हैं: 
सरकारी नीतियां: FAME जैसी केंद्र सरकार की योजनाएं और विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा दिए जा रहे अनुदान इस क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को गति दे रहे हैं। 
ईंधन की बढ़ती कीमतें: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें उपभोक्ताओं को ईवी की ओर आकर्षित कर रही हैं। 
पर्यावरण जागरूकता: जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के प्रति बढ़ती चिंता लोगों को पर्यावरण-अनुकूल परिवहन विकल्पों को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। 
तकनीकी उन्नति और बाजार की मांग: बैटरी तकनीक में सुधार और विभिन्न मॉडलों की उपलब्धता से बाजार में ईवी की मांग बढ़ रही है। 
रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बड़ा अवसर: रिपोर्ट में यह भी रेखांकित किया गया है कि भारत सरकार ने 2030 तक कुल वाहन बिक्री में 30% ईवी पैठ का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रियल एस्टेट सेक्टर में औद्योगिक और वेयरहाउसिंग स्पेस की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। ईवी फैक्ट्रियों, असेंबली यूनिट्स, कंपोनेंट स्टोरेज सुविधाओं और बैटरी प्लांट्स की स्थापना के लिए बड़े भूखंडों की आवश्यकता होगी। सैविल्स इंडिया के इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स हेड श्रीनिवास एन के अनुसार, यह रुझान रियल एस्टेट निवेशकों और डेवलपर्स के लिए एक नया और महत्वपूर्ण अवसर लेकर आया है। 
लॉजिस्टिक्स और नीति समर्थन की अहम भूमिका: ईवी सेक्टर की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए पूरे देश में रणनीतिक रूप से स्थित लॉजिस्टिक्स पार्क और वेयरहाउस हब स्थापित करना आवश्यक होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि निर्मित ईवी और बैटरियां आसानी से डीलरशिप और अंतिम उपभोक्ताओं तक पहुंच सकें। 
श्रीनिवास का कहना है कि भारत सरकार की ईवी-केंद्रित नीतियां न केवल आर्थिक विकास और निवेश को प्रोत्साहित कर रही हैं, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा और जलवायु संकट जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। यह रिपोर्ट स्पष्ट संकेत देती है कि 2030 तक भारत में एक मजबूत ईवी इकोसिस्टम बनाने के लिए पूंजी, समर्पित भूमि और दीर्घकालिक नीति समर्थन का एक साथ होना अनिवार्य है।

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