हिन्दुस्तान जिंक ने रचा इतिहास, खदानों के सरफेस पर महिलाओं को नाइट शिफ्ट में किया शामिल
Source : business.khaskhabar.com | Apr 12, 2025 | 
भीलवाड़ा। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड, भारत की एकमात्र और विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक कंपनी ने खनन कार्यों में एक और प्रगतिशील कदम उठाते हुए इतिहास रच दिया है। कंपनी ने अब अपनी रामपुरा आगुचा खदान, जो भीलवाड़ा में स्थित विश्व की सबसे बड़ी भूमिगत खदानों में से एक है, के सरफेस पर मिल संचालन में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में शामिल किया है।
इस ऐतिहासिक निर्णय के साथ ही, रामपुरा आगुचा माइंस के मिल और माइंस दोनों नियंत्रण कक्षों में रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक महिलाओं की टीमें पूरी रात काम करती हुई दिखाई देंगी।
यह उल्लेखनीय है कि कंपनी के उत्तराखंड स्थित पंतनगर मेटल प्लांट और चित्तौड़गढ़ के चंदेरिया स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स में महिलाएं पहले से ही सफलतापूर्वक नाइट शिफ्ट में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, अजमेर की कायड़ खदान में भी महिलाएं खनन कार्यों के नियंत्रण कक्ष में रात्रि पाली में कुशलतापूर्वक योगदान दे रही हैं। पूर्व में, नियामक मानदंडों के अनुसार महिलाओं को केवल दिन की शिफ्ट में ही काम करने की अनुमति थी। यह विकास अब महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों के समान करियर के अवसरों तक पहुंचने में सक्षम बनाएगा।
यह प्रगतिशील कदम हिन्दुस्तान जिंक की धातु, खनन और भारी इंजीनियरिंग के पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों को बदलने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है। कंपनी ने पहले भी भारत की पहली महिला भूमिगत खदान प्रबंधक की नियुक्ति और देश की पहली महिला भूमिगत खदान बचाव दल की स्थापना जैसे उद्योग-प्रथम पहलों का नेतृत्व किया है। दरीबा स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स, जावर माइंस और सिंदेसर खुर्द माइन जैसे प्रमुख स्थानों पर महिलाएं सक्रिय रूप से बैक शिफ्ट में योगदान दे रही हैं, जहां परिचालन शिफ्ट रात 10 बजे तक चलती है। इन निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, हिन्दुस्तान जिंक ने 25 प्रतिशत से अधिक का लिंग विविधता अनुपात हासिल किया है, जो भारत के धातु, खनन और भारी इंजीनियरिंग क्षेत्रों में सबसे अधिक है।
हिन्दुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने इस अवसर पर कहा कि यह हिन्दुस्तान जिंक और पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। हमारी भूमिगत खदानों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में शामिल करके, हम न केवल पुरानी बाधाओं को तोड़ रहे हैं, बल्कि समावेशिता के लिए एक नया मानक स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारी उस मान्यता को दर्शाता है कि सच्ची प्रगति हर व्यक्ति को पूरी तरह से भाग लेने, निडरता से नेतृत्व करने और समान रूप से आगे बढ़ने के लिए सशक्त बनाने में निहित है। हम वास्तव में एक ऐसा कार्यस्थल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं जहां विविधता नवाचार और विकास को बढ़ावा देती है।
हिन्दुस्तान जिंक ने खान सुरक्षा महानिदेशालय के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया है, जिससे महिलाएं भूमिगत परिचालन सहित खदान परिसर में चौबीसों घंटे काम कर सकती हैं। हिन्दुस्तान जिंक में कार्यरत महिलाओं को मजबूत प्रोटोकॉल और कर्मचारी-केंद्रित नीतियों का समर्थन प्राप्त है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि महिलाएं अपने करियर के हर चरण में सशक्त हों। कंपनी की प्रगतिशील कार्यस्थल नीतियां, जैसे जीवनसाथी को काम पर रखने की नीति, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अवकाश, बच्चे की देखभाल के लिए वर्ष भर का अवकाश, लचीले काम के घंटे और महिलाओं के लिए मासिक बिना-सवाल वाली छुट्टियां अवसरों को और बढ़ाती हैं, यह सुनिश्चित करती हैं कि लिंग कभी भी करियर की उन्नति में बाधा न बने।
उल्लेखनीय है कि कंपनी अपने कर्मचारियों को उच्च-विकास व्यवसायों में समृद्ध नौकरी के अवसर प्रदान करने की क्षमता रखती है।
रामपुरा आगुचा में मिल संचालन की ग्रेजुएट ट्रेनी यशिका रामनानी ने इस उपलब्धि पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें नाइट शिफ्ट में काम करने वाली पहली महिलाओं में से एक होने पर गर्व है। हिन्दुस्तान जिंक की समावेशी संस्कृति, मजबूत मार्गदर्शन और अवसरों ने उन्हें सीमाओं को आगे बढ़ाने और अप्रत्याशित तरीकों से उत्कृष्टता हासिल करने का आत्मविश्वास दिया है।
वहीं, रामपुरा आगुचा में मिल संचालन की एसोसिएट मैनेजर सुभास्मिता परिदा ने कहा कि हिन्दुस्तान जिंक में मिले अवसरों ने उन्हें विकसित होने और अपने ज्ञान के आधार का विस्तार करने में मदद की है। इस टीम का हिस्सा बनने वाली पहली महिलाओं में से एक होने से उन्हें बहुमूल्य कौशल हासिल करने में मदद मिलेगी, जिससे वह अधिक स्वतंत्र और आत्मविश्वासी बनेंगी। यह पहल उनके पेशेवर और व्यक्तिगत विकास में सहायक होगी।
हिन्दुस्तान जिंक इंडस्ट्री 4.0, डिजिटलीकरण, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाकर परिचालन में क्रांति ला रहा है, जिससे मैनुअल हस्तक्षेप कम हो रहा है और यह क्षेत्र अब शारीरिक रूप से कठिन नहीं रह गया है। कंपनी की डिजिटल खदानें, जिसमें टेली-रिमोट अंडरग्राउंड माइनिंग और रियल-टाइम एनालिटिक्स शामिल हैं, सभी के लिए रोमांचक और समावेशी करियर मार्ग प्रदान करती हैं। इसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2024 में कैंपस भर्ती अभियान के माध्यम से 33 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हिन्दुस्तान जिंक में शामिल हुईं, जिससे कंपनी धातु क्षेत्र में महिलाओं की पहली पसंद बन गई है।
वेदांता समूह की कंपनी हिन्दुस्तान जिंक विश्व की सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक और तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक है, जिसकी भारत के प्राथमिक जस्ता बाजार में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हिन्दुस्तान जिंक एक प्रमाणित 2.41 गुना वाटर-पॉजिटिव कंपनी भी है और धातु एवं खनन उद्योग में अग्रणी के रूप में एक स्थायी भविष्य के लिए आवश्यक धातुओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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