गोदरेज एनर्जी को गुवाहाटी में 2 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट का मिला अनुबंध
Source : business.khaskhabar.com | Apr 30, 2025 | 
गुवाहाटी। गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के ऊर्जा समाधान व्यवसाय ने पूर्वोत्तर भारत के तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामान (एफएमसीजी) बाजार में अपनी पैठ बनाते हुए एक महत्वपूर्ण अनुबंध हासिल किया है। कंपनी असम के गुवाहाटी में एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी की विनिर्माण इकाई के लिए 2 मेगावाट पीक (MWp) क्षमता का मल्टी-फॉर्मेट सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करेगी।
यह गोदरेज का एफएमसीजी क्षेत्र में पहला बड़ा सोलर इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) प्रोजेक्ट है, जो औद्योगिक ग्राहकों के लिए अनुकूलित नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदान करने में कंपनी की बढ़ती विशेषज्ञता को दर्शाता है।
इस अनुबंध के तहत स्थापित किया जाने वाला अत्याधुनिक सौर संयंत्र सालाना लगभग 24 लाख यूनिट (किलोवाट-घंटा) हरित ऊर्जा उत्पन्न करेगा। इस परियोजना का सबसे बड़ा व्यावसायिक आकर्षण इससे होने वाली सीधी वित्तीय बचत है।
अनुमान है कि सौर संयंत्र लगने के बाद संबंधित एफएमसीजी इकाई को अपनी वार्षिक ऊर्जा लागत में लगभग ₹1.4 करोड़ की बचत होगी। यह बचत परिचालन लागत को कम करने और कंपनी की लाभप्रदता बढ़ाने में सीधे तौर पर सहायक होगी।
यह परियोजना, जिसकी परिचालन आयु कम से कम 25 वर्ष होगी, अपने जीवनकाल में कुल 57,000 मेगावाट-घंटा स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करेगी। इसके अतिरिक्त, यह सालाना लगभग 98.4 टन कार्बन उत्सर्जन कम करने में भी मदद करेगी, जो कंपनी के सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक होगा।
गोदरेज एंटरप्राइजेज के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड, राघवेंद्र मिरजी ने कहा, “यह सौर स्थापना हमारे नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारत का औद्योगिक क्षेत्र ऊर्जा परिवर्तन के एक निर्णायक मोड़ पर है, जहां कंपनियां समझ रही हैं कि नवीकरणीय ऊर्जा अपनाना न केवल पर्यावरणीय रूप से आवश्यक है, बल्कि आर्थिक रूप से भी बेहद लाभकारी है। यह परियोजना दर्शाती है कि कैसे औद्योगिक इकाइयां स्वच्छ ऊर्जा अपनाकर अपनी परिचालन दक्षता में सुधार कर सकती हैं और लागत घटा सकती हैं।”
यह सौदा गोदरेज के लिए रणनीतिक महत्व रखता है क्योंकि यह उसे एफएमसीजी जैसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ता क्षेत्र में प्रवेश दिलाता है और पूर्वोत्तर भारत में उसकी उपस्थिति मजबूत करता है। यह भारत के 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य और असम की प्रगतिशील नवीकरणीय ऊर्जा नीति (जिसका लक्ष्य 2025 तक 2,000 मेगावाट क्षमता स्थापित करना है) के भी अनुरूप है।
गोदरेज के पास बड़े सौर प्रोजेक्ट्स का अनुभव है, जिसमें मध्य प्रदेश में 12.5 मेगावाट पीक रूफटॉप परियोजना और हाल ही में महाराष्ट्र के धुले में 25 मेगावाट की ग्राउंड-माउंटेड सौर परियोजना शामिल है। गुवाहाटी का यह नया अनुबंध विभिन्न उद्योगों में विश्वसनीय और कुशल सौर समाधान प्रदाता के रूप में गोदरेज की स्थिति को और मजबूत करेगा।
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