सहारा समूह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह प्रस्ताव रखा था कि वह एक साल की अवधि में सेबी को निवेशकों को वापस की जाने वाली राशि में से 20 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने के लिए तैयार है। यह राशि समूह की दो कंपनियों ने वैकल्पिक रूप से पूरी तर परिवर्तनीय डिबेंचर (ओएफसीडी) के जरिये जुटाई थी।
न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति जेएस खेहर की पीठ के सामने रखे गए ताजा प्रस्ताव में सहारा समूह ने कहा था कि प्रस्ताव स्वीकृत होने के बाद तीन दिनों के भीतर वह सेबी को 2,500 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। उसके बाद 3,500 करोड़ रुपये के तीन किश्तों का भुगतान 30 जून, 30 सितंबर और 31 दिसंबर को कर दिया जाएगा। शेष 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान 31 मार्च 2015 को कर दिया जाएगा।
सहारा समूह ने कहा कि सेबी को 20,000 करोड़ रुपये का भुगतान करने के उनके प्रस्ताव के धरोहर के रूप में अविकल्पी बैंक गारंटी भी देगा। अदालत ने राशि का भुगतान करने में असफल रहने के कारण 4 मार्च को सुब्रत रॉय को तिहाड़ जेल भेज दिया था।