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रिलायंस कैपिटल वाणिज्यिक ऋण कारोबार को अलग करेगी

Source : business.khaskhabar.com | Feb 26, 2016 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Reliance Capital would separate commercial finance businessचेन्नई। अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल ने गुरूवार को अपने वाणिज्यिक ऋण कारोबार का एक अलग संपूर्ण सहायक कंपनी के रूप में गठित करने की घोषणा की। कंपनी ने एक बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने वाणिज्यिक ऋण कारोबार को एक अलग संपूर्ण सहायक कंपनी के रूप में अलग करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह कदम कंपनी की कारपोरेट संरचना के अनुरूप है, जिसमें रिलायंस कैपिटल का अधिकतर कारोबारी संचालन संूपर्ण या बहुमत हिस्सेदारी वाली सहायक कंपनी के रूप में है।

वाणिज्यिक ऋण कारोबार 31 दिसंबर 2015 की स्थिति के मुताबिक 15,049 करो़ड रूपये का प्रबंधन करता है। रिलायंस कैपिटल के कार्यकारी निदेशक और समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम घोष ने कहा, ""वाणिज्यिक ऋण कारोबार को छो़डकर रिलायंस कैपिटल लिमिटेड का अन्य सभी कारोबार संपूर्ण या बहुमत हिस्सेदारी वाली सहायक कंपनी के रूप में संचालित किया जाता है। इसलिए समग्र कारोबारी संरचना के मुताबिक यह प्रस्ताव रखा गया है कि वाणिज्यिक ऋण कारोबार को एक संपूर्ण सहायक कंपनी में स्थानांतरित किया जाए।"" घोष ने कहा कि इस कदम से भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक रिलायंस कैपिटल के साथ कोर इनवेस्टमेंट कंपनी (सीआईसी) के रूप में व्यवहार किया जाएगा। कारोबार को एक कंपनी के रूप में अलग करने के लिए हालांकि अभी अदालती और नियामकीय मंजूरी नहीं मिली है।

योजना के मुताबिक वाणिज्यिक ऋण कारोबार का पहले एक अन्य संपूर्ण सहायक कंपनी रिलायंस गिल्ट्स लिमिटेड में विलय किया जाएगा और विलय के बाद उस कंपनी का नाम रिलायंस कमर्शियल फायनेंस लिमिटेड रखा जाएगा। कारोबार हस्तांतरित करने के बाद रिलायंस कैपिटल आरबीआई के पास सीआईसी के रूप में पंजीकृत होने के लिए आवेदन जमा करेगी। इसके बाद कंपनी को बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने में भी सुविधा होगी।