पुराने टिन नंबर पर कर सकेंगे व्यापार
Source : business.khaskhabar.com | July 12, 2015 | 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापारियों के हित में ऑनलाइन पंजीकरण एवं व्यापार संबंधी मामलों के लिए प्रदेश में 250 सुविधा केंद्रों की स्थापना की है। साथ ही फैसला लिया है कि किसी व्यापारी की मौत के बाद उसका उत्तराधिकारी उस व्यापार को पुराने टिन (टैक्स-पेयी आइडेंटिफिकेशन) नंबर पर ही निर्बाध गति से चला सकेगा। इन सुविधा केंद्रों के अलावा व्यापारी अपने घर पर बैठ कर कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन व्यापार एवं वाणिज्यकर संबंधी अपेक्षित प्रपत्र आदि भरकर भेज सकते हैं।
इससे व्यापारियों को अब अनावश्यक रूप से भाग दौ़ड नहीं करनी पडे़गी। प्रदेश के वाणिज्यकर आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने बताया कि सरकार ने 25 लाख रूपये तक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को ब़डी राहत देते हुए सीमित संख्या में कर निर्धारित करने के प्राविधान कर दिए हैं। अब केवल पारदर्शितापूर्ण प्रक्रिया से चयनित वादों की ही सुनवाई करके आदेश पारित किए जाएंगे।
शेष व्यापारी स्वत: ही कर निर्धारित माने जाएंगे। नारायण ने बताया कि प्रांत के बाहर से माल लाने पर अर्थदंड को कम करते हुए, माल के मूल्य के 40 प्रतिशत की वर्तमान व्यवस्था के स्थान पर पांच प्रतिशत तक कर की दर वाली वस्तुओं पर 15 प्रतिशत तथा 12.5 प्रतिशत अतिरिक्त कर वाली वस्तुओं पर देय कर का दोगुना अर्थदंड लगाने का प्राविधान कर दिया गया है।
व्यापारियों की ओर से दाखिल की जाने वाली वार्षिक विवरणी फॉर्म-26 को समाप्त करके इसके स्थान पर समेकित विषयों की नई व्यवस्था प्राविधानित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि फर्म स्वामी, व्यापारी की मुत्यु के बाद उसके उत्तराधिकारी उस व्यापार को पुराने टिन नंबर पर निर्बाध गति से चला सकेंगे। वाणिज्यकर आयुक्त ने कहा कि उत्तराधिकारी को ऎसे व्यापार के संबंध में स्टॉक पर आईटीसी का लाभ भी स्वत: मिल सके, इसके लिए एक्ट में संशोधन कर दिया गया है।