एचडीएफसी बैंक में विदेशी निवेश की सीमा बढाने मे होगी देरी
Source : business.khaskhabar.com | Apr 10, 2014 | 

नई दिल्ली। निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक में विदेशी निवेश सीमा को बढाकर 67.55 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को सरकारी की मंजूरी मिलने में देरी हो सकती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय बैंक में अब तक हुए सभी विदेशी निवेशों की जांच पडताल कर कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) बैंक में हुए हर तरह के निवेश की जांच परख कर रहा है।
विभाग बैंक में उसकी पैतृक कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड के जरिए लाए गए विदेशी निवेश पर भी गौर कर रहा है ताकि एचडीएफसी बैंक में किए गए सकल निवेश का पता लगाया जा सके। डीआईपीपी देश> में आने वाले विदेशी निवेश के सभी मामलों को देखता है। एचडीएफसी बैंक ने पिछले साल उसकी विदेशी शेयर भागीदारी को 49 प्रतिशत से बढाकर 67.55 प्रतिशत करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से अनुमति मांगी थी।
मौजूदा नियमों के अनुसार किसी भी बैंक में विदेशी संस्थागत निवेशकों अथवा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफआईआई और एफडीआई) के जरिए होने वाला विदेशी निवेश 49 प्रतिशत से अधिक 74 प्रतिशत तक होने पर एफआईपीबी की अनुमति लेनी होती है। बैंकों में 49 प्रतिशत तक का निवेश स्वत: मंजूरी के रास्ते हो सकता है।
दिसंबर 2013 तक बैंक में विदेशी शेयर धारिता 52.18 प्रतिशत पर थी। बैंक में विदेशी निवेश की सीमा निर्धारित सीमा से अधिक होने पर रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक को निर्देश दिया था कि वह विदेशी निवेशकों को और शेयर न बेचे।
सूत्रों के अनुसार अभी तक इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट नहीं है कि एचडीएफसी बैंक में एचडीएफसी की करीब 22 प्रतिशत हिस्सेदारी घरेलू शेयर पूंजी मानी जाएगी अथवा इसे विदेशी निवेश में गिना जाएगा। इसका कारण यह है कि बैंक की पैतृक कंपनी एचडीएफसी में इस समय 74 प्रतिशत शेयर पूंजी इक्विटी विदेशी संस्थागत निवेशकों की है।