एचएसबीसी का "स्किल्स फॉर लाइफ" कार्यक्रम
Source : business.khaskhabar.com | Dec 05, 2015 |
नई दिल्ली। प्रमुख बैंक एचएसबीसी इंडिया ने शुक्रवार को "एचएसबीसी स्किल्स फॉर लाइफ" नामक कार्यक्रम की शुरूआत की। कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं और महिलाओं को अपेक्षित कौशल प्रदान करना है, ताकि वे स्थाई तौर पर आजीविका कमाने में सक्षम बन सकें। एचएसबीसी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस कार्यक्रम के लिए 100 करो़ड रूपये की राशि निर्धारित की गई है। ताकि अगले पांच साल में लगभग 75,000 युवाओं और महिलाओं को इसका लाभ मिले। बयान के मुताबिक, "एचएसबीसी स्किल्स फॉर लाइफ" कार्यक्रम की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने एक संयुक्त बयान में लंदन में 12 नवम्बर, 2015 को की थी। कार्यक्रम के माध्यम से एचएसबीसी गैर-लाभकारी संगठनों को तीन तरह से सहयोग करेगा। प्रथम, वंचित युवाओं के विकास हेतु रोजगार से जु़डी कुशलता। इसके तहत एचएसबीसी गैर-लाभकारी संगठनों के साथ मिलकर रोजगार से जु़डे प्रशिक्षण पर काम करेगा, ताकि युवा वर्ग को एक स्थायी आजीविका कमाने का कौशल सिखाया जा सके। दूसरा, शिक्षकों और प्रशिक्षकों की कुशलता बढ़ाना।
इसके जरिए शिक्षकों और प्रशिक्षकों की कुशलता बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा एवं अलग-अलग स्केलेबल मॉडल का भी सहयोग रहेगा, जिसमें प्रशिक्षु और प्रशिक्षकों का दृष्टिकोण शामिल होगा, सामग्री का डिजिटलीकरण होगा तथा विषयवस्तु और पाठयक्रम का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद भी होगा, जिससे सीखना सरल हो सकेगा। तीसरा, जीविकोपार्जन में वृद्धि के जरिए महिलाओं का सशक्तिकरण। इस कार्यक्रम में मुख्य ध्यान इस बात पर रहेगा कि ग्रामीण और शहरी सुविधाओं से वंचित महिलाओं की वित्तीय साक्षरता के माध्यम से आजीविका क्षमता सुधारी जा सके, ताकि उनके भीतर उद्यमी क्षमता का विकास हो सके।
एचएसबीसी इंडिया के समूह महाप्रबंधक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्टुअर्ट पी. मिल्ने ने कहा, ""इस कार्यक्रम का आज शुभारम्भ करके मुझे बहुत खुशी हो रही है। कौशल विकास प्रशिक्षण पिछ़डे समुदायों के विकास हेतु अत्यंत जरूरी है और हमारा यह कार्यक्रम उनके पिछ़डेपन को दूर करने में पूरी तरह उपयुक्त है। हम इस प्रकार से युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे, ताकि वे एक स्थिर आजीविका अथवा टिकाऊ रोजगार का साधन पा सकें।""
स्वदेश फाउंडेशन के संस्थापक एवं ट्रस्टी रोनी स्क्रूवाला ने कहा, ""हम एचएसबीसी के साथ कार्यक्रम में भागीदारी निभाकर बहुत प्रसन्न हैं, क्योंकि इससे पिछ़डे वर्ग के युवा वर्ग को रोजगार के सुअवसर मिलेंगे। हमने चाहा था कि हम युवकों को प्रशिक्षित एवं आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेंगे ताकि एक बेहतर भारत का निर्माण हो सके, एक ऎसे भारत का निर्माण जहां शहरी और ग्रामीण में कोई भेदभाव न रह सके।