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गैस मूल्य निर्धारण प्रणाली उत्साहवर्धक हो : फिक्की

Source : business.khaskhabar.com | Oct 10, 2015 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 Gas pricing system are encouraging: FICCIनई दिल्ली। देश के प्रमुख उद्योग संघ, फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने शुक्रवार को सरकार से घरेलू गैस मूल्य निर्धारण प्रणाली को संशोधित कर उत्खनन और उत्पादन गतिविधियों के लिए उत्साहवर्धक बनाने की मांग की है। फिक्की ने यहां जारी एक बयान में कहा, ""फिक्की ऎसे गैस मूल्य निर्धारण प्रणाली की वकालत करती है, जो देश में उत्खनन और उत्पादन गतिविधियों के लिए लाभकारी हो। यह घरेलू हाइड्रोकार्बन उद्योग के विकास के लिए तो जरूरी है ही, देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी जरूरी है।""

उद्योग संघ ने कहा, ""प्रणाली में इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि इन गतिविधियों में अत्यधिक जोखिम और अनिश्चितता है।"" इस सप्ताह के शुरू में पेट्रोलियम सचिव कपिल देव त्रिपाठी को लिखे एक पत्र में फिक्की ने कहा कि गैस मूल्य निर्धारण प्रणाली गैस आधिक्य/निर्यातक देशों जैसे रूस, कनाडा और अमेरिका में गैस मूल्यों पर आधारित है, जिससे भारतीय बाजार अन्य लाभकारी बाजारों की तुलना में कम आकर्षक रह जाएगा। फिक्की महासचिव ए. दीदार सिंह ने पत्र में लिखा, ""सरकार को इस फार्मूले को बदलकर इसे गैस आयातक देशों के मूल्यों पर आधारित करना चाहिए।""

उन्होंने कहा, ""वर्तमान फार्मूले पर चलने से देश की गैस आयात पर निर्भरता घटाने और घरेलू क्षमता बढ़ाने के लक्ष्य पर बुरा असर प़डेगा।"" घरेलू गैस मूल्य गत एक तिमाही में अमेरिका के हेनरी हब, ब्रिटेन के नेशनल बैलेंसिंग पॉइंट और कनाडा के अल्बर्टा और रूस की कीमतों के भारित औसत के आधार पर तय किया जाता है। गत सप्ताह अमेरिकी रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने भी कहा था कि नया घरेलू गैस मूल्य उत्खनन और उत्पादन कंपनियों को नया निवेश करने से हतोत्साहित करेगा। नया मूल्य 3.82 डॉलर प्रति यूनिट एक अक्टूबर से छह महीने के लिए लागू है। एजेंसी ने कहा कि भारत को उन देशों की तरह गैस मूल्य निर्धारित करना चाहिए, जहां गैस की कमी है, उनकी तरह नहीं, जहां गैस की प्रचुरता है। एसएंडपी ने कहा कि भारतीय मूल्य इस क्षेत्र के अन्य देशों के मूल्यों से कम है, इससे उत्खनन में पूंजी निवेश हतोत्साहित होगा।

एक अन्य वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा घरेलू गैस मूल्य की कटौती करने से जहां सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) सर्वाधिक प्रभावित होगी, वहीं इस कटौती से नया उत्खनन निवेश और ईधन आयात भी हतोत्साहित होगा। साख परिदृश्य पर मूडीज के एक आलेख में सोमवार को कहा गया है, ""गैस मूल्य कटौती अपस्ट्रीम कंपनियां ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के लिए क्रेडिट नेगेटिव है, क्योंकि इससे उनकी आय घट जाएगी, जो पहले ही तेल मूल्य कम होने से घट गई है।"" दीदार सिंह ने कहा, ""सरकार को डीपवाटर, अल्ट्रा-डीप वाटर और उच्चा-ताप और उच्चा-दाब क्षेत्र में अधिक मूल्य घोषित करने के फैसले को अविलंब कार्यान्वित करना चहिए।""