मैगी से बैन हटाने के खिलाफ एससी पहुंचा एफएसएसएआई
Source : business.khaskhabar.com | Nov 17, 2015 |
नई दिल्ली। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार (एफएसएसएआई) ने देश में मैगी नूडल्स से प्रतिबंध हटाने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ आज उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार ने उच्च न्यायालय के 13 अगस्त के आदेश को त्रुटिपूर्ण करार देते हुये सरकार से स्वीकत प्रयोगशालाओं को फिर से परीक्षण के लिये दिये गये नमूनों की शुचिता पर सवाल उठाया है।
एफएसएसएआई ने दलील दी है कि उच्च न्यायालय ने किसी तटस्थ प्राधिकार की बजाय स्विस कंपनी की भारतीय इकाई नेस्ले को ही नये नमूने उपलब्ध कराने के लिये कह कर भूल की है। इससे पहले, उच्च न्यायालय ने देश में मैगी नूडस्ल की नौ किस्मों पर प्रतिबंध लगाने संबंधी भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकार और महाराष्ट्र के खाद्य नियंत्रक के आदेशों को निरस्त कर दिया था। उच्च न्यायालय ने कहा था कि प्रतिबंध लगाते समय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया गया क्योंकि मैगी का उत्पादन करने वाले पक्ष को सुना नहीं गया था।
एफएसएसएआई सूत्रों ने कहा कि याचिका में खाद्य नियामक के अधिकारियों के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणियों को भी हटाने की मांग की गई है। इसमें कहा गया है कि प्राधिकार को संबद्ध कानून के तहत प्रयोगशाला में नमूनों की जांच की अनुमति दी जाय और साथ ही केवल सरकारी मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में जांच पर जोर नहीं दिया जो कि संख्या में बहुत कम हैं। उच्च न्यायालय ने इससे पहले एफएसएसएआई और महाराष्ट्र खाद्य नियामक एफडीए के आदेश को निरस्त कर दिया था। इन्होंने देश में मैगी नूडल्स की नौ किस्मों पर रोक लगा दी थी।
उच्च न्यायालय ने कहा कि नूडल्स पर रोक लगाते समय नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का पालन नहीं किया गया, क्योंकि विनिर्माता को उसका पक्ष सुनने का मौका नहीं दिया गया। नेस्ले इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को अभी तक कोई अदालती नोटिस नहीं मिला है। प्रवक्ता ने कहा, हमारे संज्ञान में यह बात लाई गई है कि उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर यह डाला गया है कि खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने नेस्ले इंडिया और अन्य के खिलाफ मामला दायर किया है।