व्यापार घाटा कम हुआ,निर्यात लक्ष्य से पीछे
Source : business.khaskhabar.com | Apr 11, 2014 | 

नई दिल्ली। गत कारोबारी वर्ष में देश का निर्यात 312.35 अरब डॉलर रहा, जो 325 अरब डॉलर के आधिकारिक लक्ष्य से कम है। इस दौरान हालांकि आयात घटने के कारण व्यापार घाटे में कमी आई। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा यहां शुRवार को जारी आंकडे के मुताबिक 2013-14 कारोबारी साल में निर्यात 312.35 अरब डॉलर का हुआ, जो 2012-13 के 300.40 अरब डॉलर से 3.98 फीसदी अधिक है। सरकार ने 2013-14 के लिए 325 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य रखा था।
गत कारोबारी वर्ष आयात 450.94 अरब डॉलर रहा, जो 2012-13 के 490.73 अरब डॉलर से 8.11 फीसदी कम है। समग्र 2013-14 कारोबारी साल के संदर्भ में व्यापार घाटा 138.59 अरब डॉलर रहा, जो 2012-13 के 190.33 अरब डॉलर से काफी कम है। भारतीय उद्योग परिसंघ निर्यात समिति के अध्यक्ष संजय बुधिया ने कहा,निर्यात में सुस्त वृद्धि के मुख्य कारण मुद्रा विनिमय दर में अस्थिरता, तेल मूल्य में वृद्धि, स्वर्ण आयात पर रोक और उसके कारण आभूषण निर्यात कम रहना हैं। बुढिया ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में कठिन आर्थिक परिस्थितियों के कारण भी निर्यात कम रहा। सोने के आयात में कमी के कारण कुल आयात कम रहा।
इस दौरान सरकार ने स्वर्ण आयात घटाने के लिए कदम उठाए। इसके कारण देश का चालू खाता घाटा कम हुआ, जो 88 अरब डॉलर के गंभीर स्तर तक पहुंच गया था। व्यापार घाटे की दृष्टि से मासिक आंकडा हालांकि निराश करने वाला रहा। व्यापार घाटा मार्च महीने में बढ़कर 10.50 अरब डॉलर हो गया, जो एक महीने पहले 8.13 अरब डॉलर था। मार्च महीने में निर्यात साल-दर-साल आधार पर 3.15 फीसदी घट कर 29.57 अरब डॉलर का रहा, जो एक साल पहले समान अवधि में 30.54 अरब डॉलर था। आयात इसी अवधि में 2.11 फीसदी घटकर 40.08 अरब डॉलर रहा। मार्च महीने का तेल आयात 15.78 अरब डॉलर का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के 13.40 अरब डॉलर से 17.7 फीसदी अधिक है।
तेल आयात गत समग्र कारोबारी वर्ष के लिए 167.62 अरब डॉलर का रहा, जो एक साल पहले के 164.04 अरब डॉलर के मुकाबले 2.2 फीसदी अधिक है। मार्च महीने का गैर-तेल आयात 11.8 फीसदी घटकर 24.30 अरब डॉलर का रहा, जबकि पूरे कारोबारी वर्ष के लिए यह 13.3 फीसदी घटकर 283.32 अरब डॉलर रहा। निर्यात घटने के बारे में फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के महानिदेशक अरविंद प्रसाद ने कहा, यह चिंता की बात है कि पिछले दो में से प्रत्येक महीने निर्यात में तीन फीसदी से अधिक गिरावट आई और हम 325 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए। प्रसाद ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में तेजी आने के कारण मौजूदा कारोबारी वर्ष में देश का निर्यात बढेगा।