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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता फिर से शुरू होने के बीच दो सप्ताह बाद रुपया 88 के नीचे मजबूत खुला  

Source : business.khaskhabar.com | Sep 17, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 rupee opens strong below 88 after two weeks amid resumption of india us trade talks 753460मुंबई। भारत और अमेरिका के बीच नए सिरे से व्यापार वार्ताओं के चलते बुधवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 23 पैसे मजबूती के साथ 87.82 पर खुला। 
 

बीते दिन दोपहर के कारोबार में 7 पैसे की बढ़त के बाद रुपया 88.09 पर बंद हुआ था। वहीं, आज की शुरुआत दो हफ्तों में रुपए के 88 के नीचे पहली बार खुलने का संकेत है।

विश्लेषकों का कहना है कि रुपए को 88.20 के आसपास प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार वार्ता से समर्थन के बावजूद, 87.90 के नीचे एक निर्णायक गिरावट 87.50 या 87.20 की ओर रास्ता खोल सकती है।

इस बीच, डॉलर इंडेक्स 0.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 96.73 पर कारोबार कर रहा था, जो छह मुद्राओं के समूह के मुकाबले डॉलर की मज़बूती को दर्शाता है।

वायदा कारोबार में ब्रेंट क्रूड 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 68.33 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

अमेरिका में मंदी के दौर की खबरों के बीच डॉलर में नरमी बढ़ने से उभरते बाजारों की मुद्राओं को समर्थन मिला।

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुख्य अर्थशास्त्री मार्क जैंडी ने हाल ही में कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राज्य-स्तरीय आंकड़े बताते हैं कि देश मंदी की कगार पर है।

उन्होंने कहा कि खर्च, नौकरियों और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के आंकड़ों के आधार पर अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी के बहुत करीब है।

उन्होंने आगे कहा कि उन्हें अमेरिकी टैरिफ से अमेरिकी कंपनियों के मुनाफे पर पड़ने वाले असर और अमेरिकी आवास बाजार में चल रही परेशानियों की वजह से चिंता बनी हुई है।

इसके अलावा, विश्लेषकों ने रुपए में तेजी का श्रेय द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को लेकर नए सिरे से आशावाद को दिया, जिससे निवेशकों का विश्वास और दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध बेहतर हो सकते हैं।

हालांकि, सकारात्मक रुख के बावजूद मार्केट सेंटीमेंट सतर्क रहा। निवेशक अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक पर कड़ी नजर रख रहे हैं, जिसमें ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है। फेड का रुख वैश्विक पूंजी प्रवाह और मुद्रा मूल्यों को प्रभावित कर सकता है।

विश्लेषकों ने संकेत दिया है कि ब्याज दरों में अचानक बदलाव से अस्थिरता बढ़ सकती है। वहीं, एक नरम रुख वाली टिप्पणी से डॉलर में गिरावट आ सकती है, जबकि आक्रामक रुख से डॉलर में सुधार हो सकता है।
--आईएएनएस

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