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आरबीआई ने इंडसइंड बैंक परिचालन की निगरानी के लिए कार्यकारी समिति को दी मंजूरी

Source : business.khaskhabar.com | Apr 30, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 rbi approves executive committee to oversee indusind bank operations 718827नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इंडसइंड बैंक के परिचालन की निगरानी के लिए एक अंतरिम समिति के गठन को मंजूरी दे दी है। यह समिति एक अंतरिम अवधि के लिए बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के कर्तव्यों, भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगी, जब तक कि एक स्थायी सीईओ की नियुक्ति नहीं हो जाती। बैंक ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यह कदम इंडसइंड बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ सुमंत कठपालिया द्वारा डेरिवेटिव अकाउंटिंग में चूक को लेकर अपने पद से इस्तीफा देने के बाद उठाया गया है, जिससे निजी क्षेत्र के बैंक की नेटवर्थ में गिरावट आई है।

स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बैंक ने बताया कि बोर्ड की एक निगरानी समिति की देखरेख में सौमित्र सेन (उपभोक्ता बैंकिंग प्रमुख) और अनिल राव (मुख्य प्रशासनिक अधिकारी) वाली समिति, बैंक के दिन-प्रतिदिन के मामलों का प्रबंधन करेगी।

इस निरीक्षण समिति की अध्यक्षता बोर्ड के अध्यक्ष करेंगे और इसमें ऑडिट समिति; मुआवजा, नामांकन और पारिश्रमिक समिति और जोखिम प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शामिल होंगे।

एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, "आरबीआई की मंजूरी के आधार पर, बोर्ड ने बैंक के संचालन की देखरेख के लिए कार्यकारी समिति का गठन किया है। यह समिति बोर्ड की निरीक्षण समिति की देखरेख और मार्गदर्शन में बैंक के नए एमडी और सीईओ के कार्यभार संभालने तक या मौजूदा एमडी और सीईओ के कार्यमुक्त होने की तिथि से 3 महीने की अवधि तक कार्य करेगी।"

बैंक ने कहा कि वह शासन के उच्च मानकों को बनाए रखते हुए अपने संचालन की स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।

बुधवार को शुरुआती कारोबार में इंडसइंड बैंक के शेयर में गिरावट आई।

एक स्वतंत्र ऑडिट द्वारा बैंक के डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग विसंगतियों का पता चलने के बाद बैंक के डिप्टी सीईओ अरुण खुराना ने भी अपना पद छोड़ दिया है।

बैंक के बोर्ड द्वारा नियुक्त एक पेशेवर फर्म द्वारा की गई जांच के निष्कर्ष 26 अप्रैल को प्रस्तुत किए गए।

ऑडिट रिपोर्ट ने पुष्टि की कि गलत अकाउंटिंग प्रैक्टिस के कारण 31 मार्च, 2025 तक बैंक के प्रॉफिट और लॉस अकाउंट पर 1,959.98 करोड़ रुपए का प्रतिकूल संचयी प्रभाव पड़ा।

यह मुद्दा पहली बार 10 मार्च को सामने आया, जब इंडसइंड बैंक ने खुलासा किया कि आंतरिक समीक्षा के दौरान पाए गए डेरिवेटिव खातों में विसंगतियों के कारण बैंक की डेरिवेटिव बुक में मार्क-टू-मार्केट (एमटीएम) घाटे का असर दिसंबर 2024 तक बैंक की कुल संपत्ति के 2.35 प्रतिशत तक हो सकता है।

कुल संपत्ति में नुकसान लगभग 1,600 करोड़ रुपए था।

आरबीआई ने बैंक के घाटे का सटीक आकलन सुनिश्चित करने के लिए ग्लोबल ऑडिट फर्म 'ग्रांट थॉर्नटन भारत' को फोरेंसिक जांच करने के लिए नियुक्त करने का निर्देश जारी किया।

ग्रांट थॉर्नटन की जांच के अनुसार, बैंक द्वारा आंतरिक डेरिवेटिव ट्रेडों की गलत अकाउंटिंग विशेष रूप से अर्ली टर्मिनेशन के मामलों में काल्पनिक लाभ के कारण अकाउंटिंग विसंगतियां हुईं।
--आईएएनएस

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