राजन बोले, ‘अंधों में काना राजा’ जैसी है भारतीय अर्थव्यवस्था
Source : business.khaskhabar.com | Apr 16, 2016 |
वाशिंगटन। भारत को प्राय: ‘वैश्विक अर्थव्यस्था में चमकता बिंदुु’ बताए
जाने के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को लगता है कि यह
कुछ कुछ ‘अंधों में काना राजा’ जैसा मामला है। कमजोर वैश्विक आर्थिक हालात
के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) सहित विभिन्न संस्थानों ने भारतीय
अर्थव्यवस्था को आर्थिक प्रगति के लिहाज से ‘चमकते बिंदुओं में से एक’
करार दिया है।
राजन की अगुवाई में रिजर्व बैंक को भी इस बात का श्रेय
दिया जाता है कि उसने देश की वित्तीय प्रणाली को बाहरी झटकों से बचाने के
लिए उचित कदम उठाए हैं। राजन से जब ‘चमकते बिंदु’ वाले इस सिद्धांत पर उनकी
राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमें अब भी वह स्थान
हासिल करना है जहां हम संतुष्ट हो सकें। हमारे यहां लोकोक्ति है, ‘अंधों
में काना राजा’। हम थोडा बहुत वैसे ही हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष
(आईएमएफ) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री राजन यहां विश्व बैंक और आईएमएफ की
सालाना बैठक के साथ साथ जी20 के वित्त मंत्रियों व केंद्रीय बैंक गवर्नरों
की बैठक में भाग लेने यहां आए हैं।
डाउ जोंस एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित
पत्रिका मार्केट वाच को एक इंटरव्यू में राजन ने कहा कि हमारा मानना है कि
हम उस मोड़ की ओर बढ़ रहे हैं जहां हम अपनी मध्यावधि वृद्धि लक्ष्यों को
हासिल कर सकते हैं, क्योंकि हालात ठीक हो रहे हैं। निवेश में मजबूती आ रही
है। हमारे यहां काफी कुछ व्यापक स्थिरता है। अर्थव्यवस्था भले ही हर झटके
से अछूती नहीं हो लेकिन बहुत से झटकों से बची है। राजन को भारतीय और
वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में खुलकर अपनी राय रखने के लिए
जाना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में बहुत सी अच्छी बातें हुई हैं लेकिन
कुछ काम अभी किए जाने हैं। उन्होंने चालू खाते और राजकोषीय घाटे जैसे
मोर्चे पर उपलब्धियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति 11
प्रतिशत से घटकर पांच प्रतिशत से नीचे आ गई है जिससे ब्याज दरों में गिरावट
की गुंजाइश बनी है।
उन्होंने कहा कि नि:संदेह, ढांचागत सुधार चल रहे
हैं। सरकार नई दिवाला संहिता लाने की प्रक्रिया में है। वस्तु व सेवा कर
(जीएसटी) आना है। लेकिन अनेक उत्साहजनक चीजें पहले ही घटित हो रही हैं।
राजन ने देश में किन्हीं भी दो बैंक खातों में मोबाइल के जरिए धन
स्थानांतरण के लिए उस नए प्लेटफार्म का जिक्र किया जिसकी शुरुआत उन्होंने
पिछले सप्ताह की थी।