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पूर्वोत्तर में बीते 11 वर्षों में 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाए गए : केंद्र

Source : business.khaskhabar.com | Dec 30, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 over 1679 kilometers of railway tracks laid in the northeast in the last 11 years centre 780226नई दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को कहा कि भारतीय रेलवे ने पूर्वोत्तर में बड़ी प्रगति की है और अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र में 60 स्टेशनों का रीडेवलपमेंट किया जा रहा है और 2014 से पूर्वोत्तर में 1,679 किलोमीटर से अधिक के रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं। 

रेलवे मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वोत्तर में 2,500 रूट किलोमीटर से अधिक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है।  470 से अधिक रोड ओवरब्रिज और अंडरब्रिज बनाए गए हैं।

बैरबी-सैरंग नई लाइन पूरी तरह से चालू हो गई है। इससे पहली बार आइजोल रेल नेटवर्क से जुड़ गया है। आइजोल अब पूर्वोत्तर का चौथा राजधानी शहर है जो राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ा है।

मंत्रालय ने कहा, "सिवोक-रंगपो, दीमापुर-कोहिमा और जिरीबाम-इंफाल जैसी बड़ी परियोजनाएं भी तेजी से आगे बढ़ रही हैं। यह परियोजनाएं पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों के साथ आर्थिक और सामाजिक रूप से जोड़ने में सुधार कर रही हैं।"

रेलवे 21वीं सदी की कुछ सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को पूरा कर रहा है। यह परियोजनाएं राष्ट्रीय एकता को मजबूत कर रही हैं, लॉजिस्टिक्स में सुधार कर रही हैं, और आधुनिक रेलवे नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं।

मुश्किल इलाकों में शानदार पुलों से लेकर फ्रेट कॉरिडोर और हाई-स्पीड रेल तक, यह भारत की बढ़ती इंजीनियरिंग ताकत और दूरगामी सोच को दर्शाते हैं।

मंत्रालय ने कहा, "सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक है। यह एक बहुत ही रणनीतिक और राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है। लगभग 44,000 करोड़ रुपए की लागत से बनी यह 272 किमी लंबी लाइन हिमालयी क्षेत्र से गुजरती है।"

इस परियोजना में चेनाब रेल ब्रिज शामिल है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्क ब्रिज है। यह नदी से 359 मीटर ऊपर है, जो एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। यह 1,315 मीटर लंबा स्टील आर्क ब्रिज है जिसे भूकंप और हवा की स्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है।

इस परियोजना में अंजी नदी पर भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज भी शामिल है, जिसे अंजी रेल ब्रिज के नाम से जाना जाता है। छत्तीस सुरंगें (119 किमी तक फैली) और 943 पुल इस परियोजना का हिस्सा हैं। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक कश्मीर घाटी को हर मौसम में रेल कनेक्टिविटी देता है। यह इस क्षेत्र में मोबिलिटी, टूरिज्म और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

एक और बड़ी उपलब्धि तमिलनाडु में नया पंबन रेलवे ब्रिज है। यह नया पुल भारत का पहला वर्टिकल-लिफ्ट समुद्री पुल है।

लगभग 550 करोड़ रुपए की लागत से बना, 2.08 किमी लंबा यह पुल 100 स्पैन से बना है, जिसमें 99 स्पैन 18.3 मीटर के और एक मुख्य स्पैन 72.5 मीटर का है।

इस पुल में 333 पाइल्स और 101 पाइल कैप्स वाला एक मजबूत सबस्ट्रक्चर सिस्टम है, जो स्ट्रक्चरल स्थिरता सुनिश्चित करता है। इसमें कुशल लोड डिस्ट्रीब्यूशन के लिए डिजाइन किए गए 99 अप्रोच गर्डर भी शामिल हैं।

यह नया पुल रामेश्वरम को रेल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है, जो एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल और पर्यटन केंद्र है। अपने उन्नत डिजाइन और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को दर्शाते हुए, नए पंबन रेलवे ब्रिज को ब्रिज डिजाइन श्रेणी में प्रतिष्ठित स्टील स्ट्रक्चर्स एंड मेटल बिल्डिंग्स अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया है।

--आईएएनएस

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