मेड इन इंडिया कारों की जापान में धूम: Maruti Suzuki और Honda ने एक्सपोर्ट में बनाया रिकॉर्ड
Source : business.khaskhabar.com | May 28, 2025 | 
नई दिल्ली। भारत निर्मित कारें अब जापानी बाजार में तेजी से अपनी पैठ बना रही हैं। मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा कार्स इंडिया ने जापान को अपने निर्यात में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है, जो भारतीय ऑटोमोबाइल विनिर्माण उद्योग के लिए एक बड़ी व्यावसायिक उपलब्धि है। यह वृद्धि न केवल भारत में बनी कारों की बेहतर गुणवत्ता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि वे अत्यधिक विकसित और प्रतिस्पर्धी जापानी बाजार में स्वीकार्य हो रही हैं।
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों (अप्रैल-दिसंबर) में जापान को भारत का कार निर्यात बढ़कर 616.45 मिलियन डॉलर हो गया है। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-24 के पूरे वित्तीय वर्ष के 220.62 मिलियन डॉलर के निर्यात से लगभग तीन गुना अधिक है। यह तीव्र वृद्धि भारतीय ऑटोमोटिव क्षेत्र के लिए नए राजस्व स्रोतों और वैश्विक बाजार में विस्तार के महत्वपूर्ण अवसरों को उजागर करती है।
मारुति सुजुकी इंडिया, जो भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता है, जापान को अपनी ऑफ-रोडर स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) जिम्नी की सबसे बड़ी निर्यातक बन गई है। जिम्नी के बाद फ्रॉन्क्स दूसरी एसयूवी है जिसे कंपनी जापान में अपनी मूल कंपनी को निर्यात कर रही है। मारुति फ्रॉन्क्स एसयूवी को गुजरात के अपने प्लांट से जापान भेजती है, जबकि शिपमेंट पिपावाव बंदरगाह से होता है।
जून 2023 में भारत में लॉन्च हुई जिम्नी का निर्यात अक्टूबर 2023 से लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और अफ्रीका के विभिन्न देशों में शुरू हो गया था।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से पांच दरवाजों वाली जिम्नी की 22,000 से अधिक यूनिट्स का निर्यात किया गया, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों में यह आंकड़ा 38,000 यूनिट्स से अधिक हो गया है। यह मारुति की उत्पादन क्षमता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की दक्षता को दर्शाता है।
होंडा कार्स इंडिया ने भी इस रुझान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले नौ महीनों के दौरान, कंपनी ने मुख्य रूप से जापान को अपनी एसयूवी एलिवेट की 45,167 यूनिट्स का निर्यात किया, जो भारत में इन वाहनों की घरेलू बिक्री का दोगुना है।
होंडा ने मार्च के तीसरे सप्ताह में जापान में एलिवेट को होंडा डब्ल्यूआर-वी के रूप में लॉन्च किया। यह होंडा के घरेलू बाजार जापान में बिक्री के लिए जाने वाली कंपनी की पहली भारत में बनी कार है, जो भारत के विनिर्माण कौशल पर जापानी कंपनी के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।
टू-व्हीलर सेगमेंट में भी यह रुझान दिख रहा है।
यामाहा इंडिया जापान को अपने प्रीमियम आर-15 बाइक मॉडल का निर्यात करने की योजना बना रही है, क्योंकि भारत में विनिर्माण लागत काफी कम है। यह स्पष्ट रूप से उन्नत देशों के लिए भी ऑटो मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में भारत की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, वित्त वर्ष 2023 में भारत का कार निर्यात 15 प्रतिशत बढ़कर 7,70,364 वाहन हो गया, जो घरेलू बिक्री में 2 प्रतिशत की वृद्धि से आगे निकल गया।
कॉम्पैक्ट एसयूवी अब निर्यात का 25 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है, साथ ही मिड-साइज की यात्री कारों और यूटिलिटी व्हीकल की भी मजबूत मांग देखी जा रही है। SIAM की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्री प्लेयर्स पांच साल के भीतर निर्यात हिस्सेदारी को 30 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखते हैं, जो भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए विकास के नए रास्ते खोलेगा और वैश्विक बाजार में इसकी भूमिका को मजबूत करेगा।
[@ दही से पाएं नर्म मुलायम त्वचा]
[@ यहां "पवित्र" लडकियों को मिलती है स्कॉलरशिप]
[@ यह उपाय करने से शांत होंगे शनि दोष]