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वित्त वर्ष 2026 में भारत के माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर में 12 से 15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान

Source : business.khaskhabar.com | Apr 28, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 indias micro finance sector projected to grow by 12 to 15 per cent in fy26 718407मुंबई। भारत में माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर (एमएफआई) में वित्त वर्ष 2026 में 12 से 15 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। इसके साथ ही यह वित्त वर्ष 2024 के स्तर पर वापस आ जाएगा। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।  

एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी (एमपीएफएएसएल) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अधिक अनुकूल माहौल में खासकर सामान्य मानसून के कारण ग्रामीण आय में सुधार होता है तो विकास थोड़ा बेहतर हो सकता है।

एमएफआई सेक्टर ने लगातार मजबूती का प्रदर्शन किया है, जो नोटबंदी और कोविड-19 महामारी जैसे पिछले व्यवधानों से उबर चुका है।

भारत का माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर वित्तीय समावेशन का आधार बन गया है, जो वंचित आबादी, खासकर महिलाओं, छोटे किसानों और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमियों के लिए ऋण तक पहुंच को आसान बनाता है।

वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2024 तक 28 प्रतिशत के मजबूत सीएजीआर के साथ यह सेक्टर अब देश के 92 प्रतिशत जिलों में 7.9 करोड़ से अधिक विशिष्ट उधारकर्ताओं को सेवा प्रदान करता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए दृष्टिकोण सतर्क रूप से आशावादी बना हुआ है।

एमपी फाइनेंशियल एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर महेंद्र पाटिल ने कहा, "माइक्रो-फाइनेंस सेक्टर एक महत्वपूर्ण बिंदु पर है, जो जिम्मेदार उधार के साथ सस्टेनेबल ग्रोथ को बैलेंस कर रहा है। एमएफआईएन गार्ड रेल्स ऋण-ग्रस्तता को रोकने और परिसंपत्ति की गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए एक समय पर उठाया गया कदम है।"

बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण विकास अस्थायी रूप से धीमा हो सकता है। लेकिन, सुधारों से ऋण अनुशासन, पोर्टफोलियो गुणवत्ता और दीर्घकालिक क्षेत्र की मजबूती बढ़ने की संभावना है।

हालांकि, मुख्य चुनौती यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह के संरचनात्मक सुधार वित्तीय समावेशन के लक्ष्य को कमजोर न करें।

मार्च 2024 तक भारत की लगभग 37 प्रतिशत ग्रामीण आबादी एमएफआई उद्योग के अंतर्गत है।

पाटिल ने कहा, "पॉलिसी सपोर्ट, इनोवेटिव क्रेडिट असेसमेंट और रणनीतिक साझेदारी को मिलाकर एक बैलेंस अप्रोच इस क्षेत्र की नींव को मजबूत करते हुए पहुंच को बनाए रखने के लिए आवश्यक होगा।"

इसके अलावा, फिनटेक और गैर-एनबीएफसी-एमएफआई के उभरने से ऋण विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश ने फंड तक पहुंच को आसान बना दिया है, जिससे कई तरह के ऋण देने में मदद मिली है।
--आईएएनएस

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