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भारतीय इक्विटी बाजार 'आकर्षक' क्षेत्र में, लॉन्ग टर्म आउटलुक सकारात्मक !

Source : business.khaskhabar.com | Apr 09, 2025 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 indian equity markets in attractive zone long term outlook positive! 714155नई दिल्ली । भारतीय इक्विटी बाजार अब 'उचित' और 'मध्यम रूप से महंगे' क्षेत्रों से 'आकर्षक क्षेत्र' में प्रवेश कर चुके हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।
 
यूनियन म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के अनुसार, यह एक शानदार सुधार है, क्योंकि यह बदलाव दीर्घावधि निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर दर्शाता है।
वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार अनिश्चितताओं के बावजूद, भारत के लिए लॉन्ग टर्म आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है।
यूनियन एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी हर्षद पटवर्धन ने कहा कि मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक बुनियाद, हेल्दी कॉर्पोरेट और बैंकिंग बैलेंस शीट, कर राहत और कल्याणकारी योजनाओं के कारण अपेक्षित मांग का पैदा होना और एक नए निजी निवेश चक्र के संकेत सभी उत्साहजनक कारक हैं।
पटवर्धन ने कहा, "हेल्दी कॉर्पोरेट और बैंकिंग क्षेत्र की बैलेंस शीट, कर राहत एवं विस्तारित कल्याणकारी योजनाओं से प्रेरित मांग के पैदा होने की संभावनाएं और एक नए निजी पूंजीगत व्यय चक्र की संभावित शुरुआत हमारे दृष्टिकोण के लिए प्रमुख सकारात्मक कारक हैं।"
यूनियन एएमसी के सीईओ मधु नायर ने कहा कि लंबी अवधि का निवेश 'धन सृजन' की कुंजी है।
उन्होंने कहा, "यह मानव स्वभाव है कि वह अल्पकालिक प्रभाव को अधिक आंकता है और दीर्घकालिक क्षमता को कम आंकता है। हमारा मानना ​​है कि अगले 10 से 15 साल भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजारों के लिए बहुत अच्छे हैं।"
उन्होंने निवेशकों से अपने वित्तीय लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और एसआईपी के माध्यम से निवेश जारी रखने का आग्रह किया।
यूनियन म्यूचुअल फंड भी 1 अप्रैल से लागू हुई नई कर व्यवस्था के तहत निवेश में वृद्धि के बारे में आशावादी है।
केंद्रीय बजट 2025 के अनुसार, सालाना 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को आयकर से छूट दी जाएगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, "इससे डिस्पोजेबल आय बढ़ेगी, जिससे परिवारों को एसआईपी जैसे दीर्घकालिक साधनों में अधिक निवेश का मौका मिलेगा।"
इस सकारात्मक बाजार दृष्टिकोण और अनुकूल कर परिवर्तनों के साथ, रिपोर्ट को उम्मीद है कि अगले 18 से 24 महीनों में म्यूचुअल फंड उद्योग में मासिक एसआईपी प्रवाह 40,000 करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है।
--आईएएनएस
 

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