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GST संग्रह मई में 16 प्रतिशत बढ़कर 2.01 लाख करोड़, लगातार दूसरे महीने दो लाख करोड़ के पार

Source : business.khaskhabar.com | Jun 02, 2025 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 gst collection increased by 16 percent to rs 201 lakh crore in may crossed two lakh crore for the second consecutive month 726100नई दिल्ली । देश का सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मई 2025 में 2.01 लाख करोड़ रुपए रहा, जो मई 2024 के 1.72 लाख करोड़ रुपए के मुकाबले 16.4 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। यह जानकारी रविवार को वित्त मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में दी गई। 
यह लगातार दूसरा महीना है, जब जीएसटी राजस्व दो लाख करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि देश में आर्थिक गतिविधियां मजबूत बनी हुई हैं और उपभोग में स्थिर वृद्धि देखी जा रही है।
अप्रैल 2025 में जीएसटी संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपए के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था, जो मार्च की तुलना में 13 प्रतिशत की बढ़त थी। उस दौरान वित्त वर्ष की समाप्ति और समायोजन कारण थे, लेकिन मई में आए मजबूत आंकड़े यह दर्शाते हैं कि यह वृद्धि मौसमी नहीं, बल्कि आर्थिक मजबूती की ओर इशारा कर रही है।
शुद्ध जीएसटी राजस्व (रिफंड के बाद की राशि) भी 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि के साथ 1.73 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।
देश के भीतर से जीएसटी संग्रहण में 13 प्रतिशत की बढ़त हुई, जबकि आयात पर आधारित राजस्व में 25.7 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, भारत की समग्र अर्थव्यवस्था भी स्थिर गति से आगे बढ़ रही है। 30 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार, देश ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित 6.5 प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है।
जनवरी से मार्च तिमाही में अर्थव्यवस्था ने 7.4 प्रतिशत की दर से विस्तार किया, जो पहले की मंदी से एक मजबूत वापसी को दर्शाता है।
उपभोग में भी सुधार देखा गया है, जो देश की वृद्धि का एक प्रमुख आधार है। वित्त वर्ष 2023-24 में 5.6 प्रतिशत की वृद्धि के बाद इसमें फिर से तेजी आई है।
अप्रैल में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (जैसे घरेलू उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स) की बिक्री में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, हालांकि यह मार्च में दर्ज 6.9 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ी कम है।
अप्रैल-मई के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि आर्थिक गतिविधियों में निरंतर सुधार हो रहा है और कर संग्रहण में मजबूती बनी हुई है। बेहतर अनुपालन और व्यापारिक गतिविधियों में विस्तार इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं।
--आईएएनएस
 

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