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अदाणी समूह की अक्षय ऊर्जा पर‍ियोजनाओं को देख यूरोपीय राजदूत चक‍ित

Source : business.khaskhabar.com | Nov 13, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 european ambassadors astonished to see adani groups renewable energy projects 682589अहमदाबाद । गुजरात के दौरे पर आए यूरोपीय संघ, जर्मनी, डेनमार्क और बेल्जियम के राजदूत अदाणी समूह के अक्षय ऊर्जा प्रतिष्ठानों के आकार और पैमाने को देख कर चकित हो गए। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में यूरोपीय राजनयिकों को गुजरात में समूह अक्षय ऊर्जा प्रतिष्ठानों का दौरा कराया गया। इस दौरान राजनयिकों का प्रतिनिधिमंडल समूह के खावड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क भी गया। यह 30 गीगावाट की क्षमता के साथ दुनिया का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा पार्क बनने वाला है। इसमें पेरिस शहर से पांच गुना बड़े क्षेत्र में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं शामिल हैं।

राजदूतों ने कंपनी के प्रमुख बंदरगाह, मुंद्रा पोर्ट पर अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधाओं काे भी देखा। अदाणी समूह यहां फोटोवोल्टिक पैनल और पवन टर्बाइन का उत्पादन करता है। ये कंपनी की 2030 तक 45 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा क्षमता हासिल करने की रणनीति का अभिन्न अंग हैं, जो भारत के डीकार्बोनाइजेशन लक्ष्यों के अनुरूप है।

यात्रा के दौरान, समूह के चेयरमैन अदाणी ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को बढ़ाने के लिए समूह की महत्वाकांक्षी योजनाओं को रेखांकित किया। इसका उद्देश्य यूरोपीय संघ की गैर-जैविक मूल के नवीकरणीय ईंधन (आरएफएनबीओ) की आवश्यकताओं को पूरा करना है। यह पहल भारत में दुनिया के सबसे बड़े सौर ऊर्जा पार्क के विकास सहित हरित ऊर्जा में 70 बिलियन डॉलर के निवेश का हिस्सा है।

इस मौके पर हुई चर्चा में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। यूरोपीय राजदूतों ने इस परिवर्तनकारी बदलाव में उनके नेतृत्व के लिए भारतीय व्यवसायों, विशेष रूप से अदाणी समूह की सराहना की। उन्होंने स्थिरता और ऊर्जा क्षेत्रों में भारतीय और यूरोपीय कंपनियों के बीच बढ़ते व्यापार-से-व्यापार सहयोग पर प्रकाश डाला।

यह जुड़ाव यूरोपीय संघ और भारत के बीच मजबूत साझेदारी को रेखांकित करता है। इसका उदाहरण यूरोपीय संघ-भारत स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु साझेदारी है। 2016 में स्थापित यह पहल स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और पेरिस समझौते को लागू करने के लिए नीतिगत संवाद, नवाचार और प्रौद्योगिकी साझाकरण को बढ़ावा देती है।

एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते के माध्यम से आर्थिक संबंधों को मजबूत करने से दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर और सतत विकास को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसा समझौता हरित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में यूरोपीय निवेश को बढ़ावा देकर भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल का समर्थन करेगा।

--आईएएनएस
 

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