businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

धारावी ऐसी परियोजना है जिसे मैं निजी तौर पर पूरा करना चाहता था : गौतम अदाणी

Source : business.khaskhabar.com | Dec 27, 2024 | businesskhaskhabar.com Business News Rss Feeds
 dharavi is a project that i personally wanted to complete gautam adani 692646नई दिल्ली । अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को कहा कि धारावी का पुनर्वास ऐसी परियोजना है जिसे पूरा करना समूह की ही नहीं उनकी निजी इच्छा भी रही है।

गौतम अदाणी ने एक परिचर्चा के दौरान कहा, "निजी तौर पर सिर्फ समूह के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि निजी स्तर पर भी, मैं हमेशा से सोचता था कि यह परियोजना एक विरासत बन सकती है। आप कैसे 10 लाख लोगों को सम्मानित जीवन प्रदान कर सकते हैं।"

उन्होंने कहा कि पिछले 40 साल में "तीन बार धारावी के पुनर्वास के लिए प्रयास किया और तीनों बार फेल हुआ। तो उसको मैं कैसे सफल बना सकता हूं"।

उन्होंने कहा कि अदाणी समूह ने कई सफलताएं हासिल की हैं, लेकिन "यह एक ऐसी चीज है जिसे मैं हासिल करना चाहता था"। उन्होंने कहा कि वह 62 साल के हैं और अगले 5-10 साल में रिटायर हो जाएंगे। उससे पहले वह इसे पूरा करना चाहते हैं ताकि 10 लाख लोग अगले 50 साल तक इसे याद रखें।

काम और निजी जिंदगी के बीच संतुलन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी दुनिया दो ही चीजों तक सीमित है - काम और परिवार। बच्चे भी यही देख रहे हैं और स्वाभाविक रूप से उनके अंदर भी यही संस्कार बन रहे हैं। बच्चे भी उतने ही मेहनती हैं। हल्के-फुल्के अंदाज में उन्होंने कहा, "आपको सिर्फ इतना देखना है कि चार घंटा मैं परिवार के साथ बिताता हूं और मुझे उसमें आनंद आता है। जो आठ घंटा बिताएगा तो बीवी भाग जाएगी।"

चरित्र के महत्व पर जोर देते हुए गौतम अदाणी ने कहा, "आपका पर्सनल कैरेक्टर कैसा होना चाहिए यह सबसे महत्वपूर्ण है। मेरे हिसाब से बाकी सारी चीजें कृत्रिम हैं। आप जो खाते हैं, वही मैं खाता हूं, तो इसमें कोई फर्क नहीं है।"

उन्होंने कहा कि जिंदगी के सफर से सभी को गुजरना है। जब आदमी इतना समझ लेता है तो जिंदगी सरल हो जाती है। अपना उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वह एक साधारण परिवार से हैं और 10वीं के बाद ही शहर आ गए थे, जब ठीक से बोलना भी नहीं आता था, कभी दुनिया देखी नहीं थी। उन्होंने कहा, "जब मैं आंख बंद करके ध्यान में बैठता हूं तो मूलतः अपनी जीवन यात्रा को याद करता हूं कि यहां कैसे पहुंच गया। कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं, कोई पैसा नहीं, कोई प्रॉपर शिक्षा नहीं... तो कैसे पहुंच गए। तो आप भी कठपुतली हो, कोई करा रहा है आपसे।"

--आईएएनएस

 

[@ एलियंस को ढूंढेगा यह टेलीस्कोप!]


[@ इस गुफा का चमत्कार सुनकर रह जाएंगे दंग]


[@ सजा-ए-मौत से बचने के लिए जेल में हुई प्रेग्नेंट]