दो माह के अंतराल में 200 रुपए प्रति किलो महंगा हुआ काजू
Source : business.khaskhabar.com | July 01, 2024 | 
-काजू का कैरीओवर स्टॉक भी नगण्य, और मजबूती के आसार
रामबाबू सिंघल
जयपुर। काजू का प्रसंस्करण (तैयार) करने में भारत का पहला स्थान है, जबकि काजू की खेती और कच्चे काजू के उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान आता है। पहले स्थान पर आइवरी कोस्ट है। इसके बावजूद खपत के मामले में भारत पहले पायदान पर है। अब सवाल उठता है कि इन दिनों काजू के भाव निरंतर क्यों उछल रहे हैं। बता दें भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काजू की पैदावार 40 फीसदी खराब होने के समाचार मिल रहे हैं। यही कारण है कि काजू की कीमतें लगातार आसमान छूने लगी हैं। दो माह के अंतराल में काजू के भाव 200 रुपए प्रति किलो उछल गए हैं। अभी भी इसमें तेजी जारी है। जयपुर की दीनानाथ की गली स्थित प्रमुख फर्म पी.एस. एंटरप्राइजेज के जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जुलाई माह में काजू 50 रुपए प्रति किलो और महंगा हो जाएगा। क्योंकि काजू का कैरीओवर स्टॉक भी नगण्य ही है। वर्तमान में 210 नंबर काजू 1250 से 1300 रुपए तथा 320 नंबर काजू 850 से 925 रुपए प्रति किलो पर मजबूती लिए हुए था। काजू टुकड़ी 700 से 780 रुपए प्रति किलो बेची जा रही थी। ज्ञात हो देश के पश्चिमी और पूर्वी तटीय इलाकों में काजू की पैदावार सबसे ज्यादा होती है। जमीनी क्षेत्र की बात करें तो महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में इसका उत्पादन बड़ी मात्रा में किया जाता है। खास बात यह है कि भारत न सिर्फ दुनिया में काजू के प्रोसेसिंग में अव्वल है, बल्कि यह खपत में भी पहला स्थान रखता है। जानकारों का कहना है कि काजू के बाजार पर वियतनाम का तेजी से कब्जा हो रहा है। वियतनाम पहले की तुलना में ज्यादा काजू प्रोसेस करता है। कच्चे काजू का उत्पादन वियतनाम के अलावा कंबोडिया में भी खूब देखा जा रहा है।
फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावाभारत सरकार का अभी फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने पर बहुत ध्यान है। इसका फायदा काजू प्रोसेसिंग को भी मिल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक वर्ष 2025 तक भारत में लगभग फूड प्रोसेसिंग का बाजार आधा ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
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