"सीएजी ने किया अपने दायरे का उल्लंघन"
				Source : business.khaskhabar.com | Sep 16, 2014 | 
 
				
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने आरोप लगाया है कि केजी-डी6 गैस ब्लॉक में  किए गए खर्च की आडिट में सरकारी आडिटर कैग ने अपने कार्याधिकार के दायरे  का उल्लंघन किया और कहा है कि इस मामले में 8 साल पहले लिए गए परिचालन  संबंधी निर्णयों पर बात बीत जाने के बाद समझ दिखाने का कार्य किया गया।  नियंत्रण एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा केजी-डी6 का 2008-09 से 2011-12  के लिए दूसरे आडिट के अंत में बुलाई गई आखिरी बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज  ने अपनी प्रस्तुती में कहा कि काम खत्म हो जाने के बाद परियोजना  क्रियान्वयन में दक्षता कुशलता और खरीद से संबंधित मामले में समझदारी की  बात करना "कार्य निष्पादन आडिट समझा जाएगा" जो स्पष्ट रूप से कैग की आडिट  के दायरे में शामिल नहीं है। 
कंपनी ने कहा, "इस बात का आश्वासन दिया गया था  कि यह कार्य निष्पादन आडिट नहीं है, लेकिन इसके बावजूद ऎसा लगता है कि न  केवल अनुबंधों बल्कि 8 साल पहले लिए गए परिचालन संबंधी निर्णयों की कुशलता,  प्रभावित तथा मितव्ययिता पर कमा खत्म होने के सवाल उठाते हुए अब समझदारी  दिखायी जा रही है।" 
आडिट मसौदे पर डीजीएच को दिए अलग पत्र में रिलायंस  इंडस्ट्रीज ने कहा, "आडिट टीम ने कांट्रैक्टर के वाणिज्यिक, परिचालनात्मक  तथा तकनीकी प्रदर्शन पर टिप्पणी कर तथा पीएससी में शामिल प्रावधानों की  अपनी तरह से विश्लेषण कर उत्पादन साझेदारी अनुबंध (पीएससी) की लेखा जोखा  रखने की प्रक्रिया की धारा 1.9 के तहत अपनी हदों को तोडा है।" पीएससी के  तहत किया जाने वाला आडिट खचोंü के सत्यापन तथा वास्तविक खर्च, भुगतान एवं  प्राप्त राशि के एवज में बही-खातों में दर्ज राशि की जांच तक सीमित होना  चाहिए।