नई दिल्ली। देश के पहले महिला बैंक ने स्थापना के चार माह के भीतर ही 23 शाखाएं खोल दी हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत तक वह 57 और शाखाएं खोलेगा। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक सार्वजनिक उपक्रम के तौर पर भारतीय महिला बैंक की स्थापना कंपनी अधिनियम 1956 के तहत की गई और 19 नवंबर 2013 को इसकी शुरूआत कर दी गई।
बैंक की यहां जारी विज्ञप्ति के अनुसार चार महीने की अल्पावधि में ही बैंक मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरू, चेन्नई, कोलकाता, गुवाहटी, लखनऊ, अहमदाबाद, इंदौर, चंडीगढ, देहरादून, रायपुर, तिरूवनंतपुरम, गोवा, जयपुर, रांची, शिमला, भुवनेश्वर, हैदराबाद, अगरतला, पटना, शिलांग और गंगटोक में 23 शाखाएं खोल चुका है। बैंक ने कहा है कि इस वित्त वर्ष की समाप्ति तक वह 57 और शाखाएं खोलेगा और मार्च 2015 तक उसकी शाखाओं की कुल संख्या 80 तक पहुंच जाएंगी। ग्राहकों की सुविधा के लिए जल्द ही नेट बैंकिंग शुरू करने की योजना भी बनाई है। नई दिल्ली मुख्यालय वाले बैंक की अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक उषा अनंतसुब्रमणियन ने बताया कि बैंक महिलाओं पर केन्द्रित उत्पादों और सेवाओं को ध्यान में रखते हुए कदम बढा रहा है। स्वयं सहायता समूह हो या फिर महिला उद्यमी, वेतनभोगी महिलाएं हों अथवा धनाढ्य वर्ग की महिलाएं या फिर महिलाओं के लिए काम करने वाले संगठन सभी की मदद के लिए महिला बैंक अपनी सेवाएं दे रहा है।