केजी डी-6 मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय को झटका
Source : business.khaskhabar.com | Aug 20, 2014 | 

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के केजी डी-6 मामले में पेट्रोलियम मंत्रालय को झटका लगा है। उसके उपक्रमों गेल इंडिया लिमिटेड और सीपीसीएल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को किए जाने वाले भुगतान में से 11.50 करोड डॉलर की कटौती करने के मंत्रालय के आदेश को पूरा करने में असमर्थता जताई है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने पिछले महीने ही संसद को बताया कि उनके मंत्रालय ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को केजी डी-6 क्षेत्र से गैस उत्पादन में कमी को देखते हुए 2.376 अरब डॉलर की वसूली करने से रोक दिया है। क्षेत्र से गैस उत्पादन जिस स्तर तक होना चाहिये था पिछले चार साल के दौरान उत्पादन उससे कहीं कम हुआ है। कम उत्पादन और अधिक लागत की वजह से सरकार को क्षेत्र से मिलने वाला लाभ नहीं मिल पा रहा था। लागत वसूली में कटौती के बाद मंत्रालय की गणना में यह बात सामने आई कि उसे 11.52 करोड डॉलर अतिरिक्त मुनाफा हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी।
इस राशि की वसूली के लिए मंत्रालय ने गेल इंडिया लिमिटेड और चेन्नई पेट्रोलियम कापरेरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) को रिलायंस को किए जाने वाले भुगतान में से राशि काटने को कहा। हालांकि, दोनों ही कंपनियों ने ऎसा करने में अपनी असमर्थता जताई।
उन्होंने कहा कि रिलायंस से गैस अथवा कच्चे तेल की खरीद के एवज में कोई राशि लंबित नहीं है। पूरी खरीदारी का भुगतान कर दिया गया है। सीपीसीएल ने कहा कि उसने केजी डी-6 से उत्पादित कच्चे तेल की 2009 से अप्रैल 2014 के दौरान खरीदारी की लेकिन उसके बाद वह टेंडर हासिल नहीं कर पाई। रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी ने अच्छा दाम लगाया और उसे आपूर्ति का आर्डर दिया। इसलिए उसका कोई भुगतान बकाया नहीं है जिसमें कि कटौती की जा सके। गेल ने कहा कि उसने जून 2013 के बाद रिलायंस की इस परियोजना से कोई गैस नहीं खरीदी है और उसके साथ अनुबंध इस साल 31 मार्च को समाप्त हो गया। गेल पर रिलायंस इंडस्ट्रीज का कोई बकाया नहीं है।