लौह अयस्क से बंगाल की परियोजना लंबित : जेएसडब्ल्यू
Source : business.khaskhabar.com | July 16, 2014 | 

कोलकाता| जेएसडब्ल्यू स्टील ने मंगलवार को कहा कि लौह अयस्क की कमी के कारण वह पश्चिम बंगाल में प्रस्तावित एकीकृत इस्पात संयंत्र की स्थापना नहीं कर पा रही है। एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संयंत्र के लिए आवंटित 4,000 एकड़ भूखंड वापस लेने की चेतावनी दी थी।
कंपनी ने कहा कि वह बंगाल की परियोजना के लिए समर्पित है और उस पर 600 करोड़ रुपये लगा चुकी है। दुर्भाग्य से उदारीकरण के बाद देश में मूल्य वर्धन के लिए लगी इस्पात कंपनियों को जरूरी सामग्री लौह अयस्क की आपूर्ति नहीं की गई।
कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, "उल्टे भारत ने व्यापारी खनन कंपनियों को खनन छूट देकर लौह अयस्क के निर्यात और इस्पात के आयात को बढ़ावा दिया।"
कंपनी ने कहा कि समस्या तब और बढ़ गई जब लौह अयस्क उत्पादक राज्यों ने दूसरे राज्यों को इसे उपलब्ध कराने पर रोक लगाना शुरू कर दिया।
प्रवक्ता के मुताबिक कंपनी ने राज्य सरकार से अनुरोध किया था कि लौह अयस्क की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल सरकार को इस विषय की जानकारी है। जेएसडब्ल्यू स्टील इस मुद्दे के समाधान के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रही है।"
कंपनी ने पिछली वामपंथी सरकार के साथ 2007 में 35,000 करोड़ रुपये के एकीकृत इस्पात संयंत्र और बिजली परियोजना की स्थापना के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया था।
यह परियोजना पश्चिमी मिदनापुर जिले के सालबोनी में 4,300 एकड़ भूमि पर प्रस्तावित थी।
जिले के दौरे पर निकले मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा था, "यदि संयंत्र समय पर स्थापित नहीं होता है, तो हम इस भूखंड को बेकार नहीं पड़े रहने दे सकते हैं। हम इसका उपयोग दूसरी औद्योगिक इकाई में करेंगे।"
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि कंपनी को परियोजना के लिए भूमि देने वाले 400 परिवारों को 5,000 रुपये प्रति महीने देना होगा।